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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- पिछले 18 वर्षों में किए गए कार्यों पर श्वेत पत्र जारी करें बीजेपी

भोपाल: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को एक बयान जारी कर मध्य प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार आदिवासी वर्ग को साधने, लुभाने के लिए भले कितने भी आयोजन कर ले, इन आयोजनों पर करोड़ों रुपए लुटा दे लेकिन सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में आदिवासी वर्ग पर अत्याचार, दमन व उत्पीड़न की घटनाओं में प्रदेश का नाम देश में शीर्ष पर है, इसकी सच्चाई तो समय-समय पर खुद मोदी सरकार ने ही उजागर की है।

पूर्व सीएम ने कहा कि पूर्व में भी एनसीआरबी के 2020 के जारी आंकड़ों में यह सच्चाई सामने आ चुकी है कि आदिवासी वर्ग के साथ दमन, उत्पीड़न एवं अत्याचार की घटनाओं में मध्य प्रदेश का नाम देश में शीर्ष पर है और उसके बाद नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मध्य प्रदेश का नाम जो गरीबी को लेकर देश में चौथे स्थान पर आया है, उसमें भी आदिवासी क्षेत्रों की वास्तविक तस्वीर सामने आ चुकी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ मध्यप्रदेश की एक तिहाई से अधिक आबादी आज भी गरीबी में रहती है, प्रदेश में आज भी 36.65 प्रतिशत आबादी गऱीब है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बड़ी शर्म की बात है कि इस रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश का अलीराजपुर जिला जहां की आबादी में 89 प्रतिशत हिस्सेदारी जनजातीय वर्ग की है, जहाँ आज सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग निवास करता है, वहां की 71.31 प्रतिशत जनता आज भी गरीब है। वही बात करें तो प्रदेश का आदिवासी बाहुल्य दूसरा बड़ा जिला झाबुआ, जहां पर 87 प्रतिशत हिस्सेदारी जनजातीय वर्ग की है, वहां पर 68.86 प्रतिशत आबादी आज भी गरीब है । आदिवासी बाहुल्य जिले बड़वानी में भी 61.60 प्रतिशत आबादी आज भी गरीबी रेखा के नीचे है।

कमलनाथ ने बताया कि इस रिपोर्ट के बाद अब केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी 2020-2021 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक जनजातीय इलाकों में स्वास्थ सुविधाओं के मामले में भी मध्यप्रदेश की स्थिति बदतर है और यही नहीं जनजातीय आबादी पर अत्याचार के मामले में भी मध्य प्रदेश देश में शीर्ष पर है। अपराध और अत्याचार की बात करें तो आदिवासी वर्ग के खिलाफ देशभर में दर्ज होने वाले अपराधों में मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी 23प्रतिशत है। जबकि देश में सबसे ज्यादा 14.7प्रतिशत आदिवासी आबादी मध्य प्रदेश में है।

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कमलनाथ ने कहा कि मैं पहले भी यह सवाल उठा चुका हूं और आज फिर दोहरा रहा हूं कि प्रदेश की भाजपा सरकार के 18 वर्ष के शासनकाल के दौरान आदिवासी वर्ग के हित में अभी तक किए गए कार्यों, लिए गए निर्णयों, घोषित योजनाओं, लागू योजनाओं, कुल कितनी राशि इन योजनाओं पर खर्च की गयी, कुल कितना बजट आवंटन किया गया, कितने लोगों को इन योजनाओं का अभी तक लाभ मिला, इत्यादि विषयों को लेकर पिछले 18 वर्षों के कार्यों पर शिवराज सरकार एक श्वेत पत्र जारी करें ताकि आदिवासी वर्ग को भाजपा सरकार के 18 वर्षों की वास्तविकता और सच्चाई का पता चल सके।

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