नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में दोषी ठहराया और उन्हें बरी करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को पलट दिया। 23 अगस्त, 1995 को छपरा में दो लोगों – राजेंद्र राय और दरोगा राय – की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिंह के बयान के मुताबिक दोनों ने विधानसभा चुनाव में वोट नहीं दिया।
न्यायमूर्ति एस कौल, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और विक्रम नाथ की विशेष पीठ ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए प्रभुनाथ सिंह को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया। पीठ ने बिहार सरकार को आदेश दिया कि वह राजद नेता को एक सितंबर को शीर्ष अदालत के समक्ष पेश करें, जब उन्हें सजा सुनाई जाएगी। आदेश में कहा गया है कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि सिंह ने 1995 में छपरा में एक मतदान केंद्र के पास राजेंद्र राय और दरोगा राय की हत्या कर दी थी।
यह भी पढ़ें-तेलंगाना चुनाव: बीआरएस जल्द ही प्रत्याशियों की पहली सूची करेगी जारी
शीर्ष अदालत ने सबूतों के अभाव के आधार पर सिंह को निचली अदालत द्वारा बरी करने के फैसले को बरकरार रखने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ 2012 में मृतक के भाई द्वारा दायर अपील पर इस साल मार्च में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सिंह वर्तमान में एक अन्य हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)