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G-20 Summit: काशी की धरती पर पहुंचे विदेशी मेहमान, लोकनृत्यों से हुआ भव्य स्वागत

वाराणसी: जी-20 के एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की 17 से 19 अप्रैल तक होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए रविवार को विदेशी मेहमानों का जत्था वाराणसी पहुंचा। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल हाल में काशी के परम्परानुसार शहनाई वादन, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तिलक लगाकर और अंगवस्त्रम प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत से प्रतिनिधि मंडल गदगद दिखा।

मेहमानों के स्वागत में खुद एयरपोर्ट की निदेशक आर्यमा सान्याल, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण वाराणसी के अफसर,भाजपा प्रोटोकाॅल प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता और जिला प्रशासन के अफसर मौजूद रहे। एयरपोर्ट से मेहमानों को वाहनों के काफिले में नदेसर स्थित तारांकित होटल में लाया गया। इस दौरान एयरपोर्ट से शिवपुर गिलटबाजार तक जगह-जगह आजमगढ़ के लोक कलाकारों ने विदेशी मेहमानों के स्वागत में धोबिया नृत्य प्रस्तुत किया। काशी की पावन धरती पर उतरते ही जी-20 देशों के मेहमान उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं की झलक देख अभिभूत दिखे।

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जिला सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. सुभाष यादव ने बताया कि एयरपोर्ट पर मेहमानों का स्वागत बुन्देली लोकनृत्य पाई डंडा व भोजपुरी भाषी क्षेत्र लोकनृत्य फ़रुवाही से किया गया। रास्तों में भी मेहमानों के स्वागत किया गया। जयपुरिया स्कूल पर करमा लोकनृत्य, अतुलानन्द गिलटबाज़ार पर धोबिया लोकनृत्य का आयोजन किया गया। इसके अलावा मेहमानों के रुकने के स्थान होटल ताज पर राई लोकनृत्य और होटल क्लार्क्स में नटवारी लोकनृत्य से स्वागत हुआ।

स्थानीय अफसरों के अनुसार शहर में इटली, ब्राजील ,अर्जेंटीना, चीन, यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, जापान, रसिया, नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, केन्या, माॅरिशस से तीस मेहमान शहर में आ गये।

विदेशी मेहमान देखेंगे गंगा आरती, कहरवा व बमरसिया लोकनृत्य –

सोमवार शाम डेलीगेट्स गंगा आरती देखने के लिए जब नमो घाट पहुंचेंगे । घाट पर कहरवा व बमरसिया लोकनृत्य का आनंद ले सकेंगे। रात्रि भोजन के समय अतिथि बांसुरी व सितार वादन की मधुर धुन के साथ भोजन ग्रहण करेंगे। वहीं, 18 अप्रैल की शाम मेहमान भगवान बुद्ध की तपस्थली सारनाथ पहुंचेंगे तो संग्रहालय और स्मारक स्थल पर घोड़ऊ और मयूर लोक नृत्य देखेंगे। जी -20 देशों से आए मेहमानों का स्वागत बुद्धा थीम पार्क में मसक बीन व शैला लोकनृत्य से होगा। बुद्धा थीम पार्क में ही रात्रि भोज के समय वाद्यवृन्द, उपशास्त्रीय गायन व शास्त्रीय नृत्य होगा। 19 अप्रैल को मेहमान काशी की हस्तकला को देखने के लिए दीनदयाल हस्तकला संकुल पहुंचेंगे, तब ढेढ़िया और थारू लोकनृत्य देखने को मिलेगा और उसी दिन संतूर व सारंगी के मधुर वादन के साथ जी-20 देशों के मेहमानों की विदाई होगी।

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