नियमों की हो रही अनदेखी, बिना एक्सपायरी डेट की बिक रहे खाद्य पदार्थ

0
50

bakery-items

मुंबई: खाने पीने की वस्तुओं का उत्पादन करने वाले उत्पादक खाद्य सुरक्षा से जुड़े मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर लोगों की खासकर बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं जिससे इन्हें खाने वाले लोगों को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। जिले में बिना मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अंकित किए खाद्य पदार्थों की पैकेट किसी भी दुकानों में दिख जाती है। हैरानी की बात ये है कि खाद्य विभाग भी अपनी आंखें मूंदे हुए सब देख रहा है। नियमों की अनदेखी करने वालों में सर्वाधिक संख्या ब्रेड, बन, फ्रूट केक, बिस्किट, चिप्स, टोस्ट, बटर और अन्य बेकरी से संबंधित चीज है।

इनमें कई ऐसे खाद्य पदार्थ भी है जिनकी काफी मांग है। एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने चिप्स की पैकेट खरीदी उसका स्वाद अलग लगा तो जांच की तो एक्सपायरी डेट भी नहीं थी। कृष्णा दुबे ने कहा कि घटिया दर्जे की खाद्य पदार्थों को बेचने वाली एक लॉबी कार्य कर रही है। कई चीजें हैं, जो दो तीन दिन में खराब हो जाती है। अब ग्राहक के सामने सही या खराब वस्तु होने की पहचान के लिए लिए तिथि का सहारा नहीं है। तो ग्राहक को बस देखकर ही अंदाजा लगाना होगा कि वस्तु खाने लायक है या नहीं।

खाद्य अफसरों की मेहरबानी, नहीं हो रही कार्रवाई –

खाद्य पदार्थों में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक केमिकल से बने खाद्य पदार्थ बेचकर काली कमाई करने में कुछ लोग जुटे हैं। जिसकी जानकारी जिले के खाद्य विभाग के अफसरों से लेकर अन्य आला अधिकारियों को भी है, लेकिन वह पैसों की चमक के आगे अंधे हो गए है और जानबूझकर अनदेखा कर रहे है। इस संबंध में परमेश्वर सिंगारवाड़ (सहायक आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने फोन और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया। जिला सप्लाई अधिकारी पोपट ओमासे ने कहा कि वह इस संबंध में खाद्य विभाग को सूचित करेंगे।

ये भी पढ़ें..PM मोदी के पिता पर पवन खेड़ा की टिप्पणी से भड़की बीजेपी, दिल्ली में…

ग्रामीण क्षेत्रों में खूब बिक रहे प्रोडक्ट –

पालघर के आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों जैसे तलासरी,दहानू, वानगांव, विक्रमगढ़, जव्हार, कासा,मोखाड़ा जैसे कई इलाकों में छोटे-बड़े दुकानदार विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री की पैकेट बेच रहे हैं। इन खाद्य सामग्री की पैकिंग पर एक्सपायरी डेट व कंपनी का नाम तक नहीं है, जबकि अधिकांश बच्चे इन पैक खाद्य पदार्थों को बड़े ही रोचक तरीके से खाते हैं। स्नैक्स बनाने वाले लोकल व्यापारी पैक बंद उत्पाद खासकर बच्चों के लिए तैयार कर रहे हैं तथा ऐसे उत्पादों को धड़ल्ले से बाजार में बेचा जा रहा है। इस हाल में बिना नियम कानून के बेची जा रही खाद्य सामग्री न केवल बच्चों की सेहत बिगाड़ सकती है, बल्कि जानलेवा भी हो सकती है।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाने पीने के किसी भी पैक्ड सामान पर कुछ जानकारी अंकित करना अनिवार्य है। जैसे वस्तु के वेज या नॉन-वेज होने का चिन्ह, उसका बैच या लॉट नंबर, उसके उत्पादन की तिथि, वह वस्तु कितने समय के अंदर इस्तेमाल की जा सकती है, जिस जगह पैकिंग हुई है वहां का पता, वस्तु को बनाने में किन चीजों का प्रयोग किया गया है, आदि। लेकिन कई उत्पादक इस अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)