गोपेश्वर: चमोली जिले के विकासखंड जोशीमठ के सीमांत गांव माणा में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से किसानों से सीधा संपर्क स्थापित कर उनकी समस्याओं को सुनने के साथ ही आलू उत्पादन संबंधित तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
काश्तकारों ने विभागीय अधिकारियों को बताया कि उनकी ओर से विगत कई दशकों से आलू की परंपरागत खेती की जा रही है जिसके कारण आलू की उत्पादन क्षमता एवं गुणवत्ता में लगातार कमी आ रही है। मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने काश्तकारों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए काश्तकारों को उन्नत किस्म के विभागीय सहायता पर आलू बीजों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। आलू में होने वाली सोलोनिन, नीमेटोड्स आदि की समस्या से बचाव के लिए मिट्टी चढ़ाने आलू को लंबे समय तक भंडारण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से आलू खुदाई के लिए अपनायी जाने वाली महत्वपूर्ण क्रिया विधि की तकनीकी जानकारी दी गई। साथ ही इसके विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी किसानों को दी गई।
ये भी पढ़ें-बीजेपी ने सरकार को लिया आड़े हाथ, बोले- छत्तीसगढ़ में लुटेरों…
किसानों को उद्यानीकरण से होने वाले विकास की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी। किसानों को सेब उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। भ्रमण कार्यक्रम में मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, सहायक विकास अधिकारी रघुवीर सिंह राणा, ज्येष्ठ उद्यान निरीक्षक रोमेश भंडारी, स्थानीय काश्तकार सुमेर सिंह, जगदीश बड़वाल, जीत सिंह आदि मौजूद थे।
अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…