खूंटी (Khunti) : सरना धर्म समन्वय समिति के तत्वावधान में रविवार को खूंटी के कोर्ट मैदान में विशाल सरना धर्म कोड महारैली का आयोजन किया गया। सरना धर्मावलंबियों का जत्था खूंटी के विभिन्न मार्गों से होते हुए खूंटी पहुंचा और एक विशाल रैली में तब्दील हो गयी।
कार्यक्रम में लोग बैनर, सरना झंडा, तख्तियां और पोस्टर लेकर पहुंचे थे। कई लोग अपने शरीर पर सरना धर्म कोड की मांग की पेंटिंग बनाकर सरना कोड महारैली के समर्थन में शामिल हुए। मैदान में एकत्रित होकर धर्मगुरु सोमा कंडीर, धर्मगुरु बगराय मुंडा व धर्मगुरु भैयाराम मुंडा के नेतृत्व में सरना धर्म के अनुयायियों ने गांव के पाहनों व सरना धर्म के अनुयायियों के साथ मिलकर खुशहाली की कामना की। महारैली को संबोधित करते हुए धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि सरना प्रकृति पर आधारित मानव सभ्यता का सबसे पुराना धर्म है। यह सभी धर्मों का आधार और सुरक्षा है।
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कमजोर हो रही आदिवासियों की एकता
धर्मगुरु ने कहा कि सरना धर्म में लाखों लोगों की धार्मिक आस्था है, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण भारत सरकार और राज्य सरकार सरना धर्म कोड और आदिवासी अधिकारों के प्रति उदासीन हैं। सरना धर्म कोड के अभाव में न सिर्फ आदिवासियों की धार्मिक और सामाजिक एकता टूटी है, बल्कि सरना धर्म पर लगातार अतिक्रमण भी हो रहा है। धर्म परिवर्तन के कारण आदिवासियों की धार्मिक और सामाजिक एकता कमजोर हो रही है, जिससे आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन के प्रति लगाव कम हो रहा है।
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