मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में बाढ़ ने मचाई भीषण तबाही, सैकड़ों पुल-पुलिया बहे, राहत- बचाव कार्य जारी

भोपाल- प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नादियां उफान पर। वहीं मूसलाधार बारिश में सैकड़ों छोटे पुल-पुलिया के साथ 7 बड़े पुल पानी में बह गए। जबकि सैकड़ों एकड़ फसल बारिश की भेंट चढ़ गई। हालांकि बाढ़ में फंसे करीब 32 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सरकार का दावा है कि प्रदेश में बाढ़ से बचाव कार्य में 8832 व्यक्तियों को राहत कैम्पों में पहुंचाया गया है। इस पूरे कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ एसडीआरएफ की टीम लगाई है।

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मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रालय में बाढ़ राहत के लिए गठित 12 विभागों की टास्क फोर्स समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ले रहे थे। बैठक में टास्क फोर्स के सभी मंत्री, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को राहत एवं उनके पुनर्वास का कार्य पूरी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा से किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। संबंधित मंत्रियों के निर्देशन में टास्क फोर्स समिति के सभी 12 विभाग युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य करें।

सीएम ने कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटने न पाए

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे सही एवं पारदर्शी हो। कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं तथा किसी अपात्र व्यक्ति को लाभ न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने क्षति की विस्तृत जानकारी दी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने फसलों की क्षति की जानकारी दी। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी।

पानी की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें

मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जल स्रोतों को क्लोरीन आदि के माध्यम से स्वच्छ किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पेयजल की शुद्धि, मलबे की सफाई और दवाओं के छिड़काव का कार्य जारी हैं।

6-6 हजार रुपये तत्कालिक राहत देने को कहा

सीएम शिवराज ने बाढ़ से प्रभावित लोगों व उनके क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए 6-6 हजार रुपये की तात्कालिक राहत दिए जाने को कहा है। इसके अवाला सर्वे होने के बाद मकान के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि देने को भी कहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 50-50 किलो गेहूँ अथवा आटा दिया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावितों को पके हुए भोजन की व्यवस्था के भी आदेश दिए।

सड़कों की तेजी से हो मरम्मत

यही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुल-पुलियों की तेजी से मरम्मत हो। साथ ही कनेक्टिविटी बहाल करें। जिन पुलों की मरम्मत तुरंत संभव न हो, उनके वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलियाएं, सात बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। मार्गों की क्षति लगभग 207 करोड़ रुपये की है। इसके अवाला बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियाँ न फैलें इस संबंध में विशेष सावधानी बरतने को कहा। इसके लिए उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था तथा छिड़काव करवाने का आदेश

सीएम ने तत्तकाल बांध एवं नहरों की मरम्मत के दिए आदेश

मुख्यमंत्री चौहान ने जल संसाधन विभाग को शख्त निर्देश देते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त बांधों एवं नहरों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि बाढ़ से करीब 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रभावित हुई है।

सीएम ने NDRF व SDRF टीमों की जमकर की तारीफ

सीएम शिवराज सिंह ने सेना, एन.डी.आर.एफ., स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ की टीमों की जमकर तारीफ की है। इन दलों ने बाढ़ में फंसे हजारों लोगों की जिंदगी बचाई है। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी बंद हो गया है। सीएम शिवराज सिंह ने हैंडपंप जल्द से जल्द चालू कराने के निर्देश दिए हैं।

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