नई दिल्लीः सैन्य कमांडर सम्मेलन सोमवार से शुरू हो रहा है और इसका समापन 22 अप्रैल को होगा। इस सम्मेलन का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। पहला आयोजन अप्रैल में और दूसरा दिसंबर में होता है। रक्षा मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 21 अप्रैल को वरिष्ठ कमांडरों से बातचीत कर सकते हैं और सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, यह सम्मेलन वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श का एक संस्थागत मंच है, जहां सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं। यह सम्मेलन भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए रक्षा विभाग और सैन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परस्पर बातचीत करने का एक औपचारिक मंच भी है। सम्मेलन के दौरान भारतीय सेना का वरिष्ठ नेतृत्व सक्रिय सीमाओं के साथ परिचालन स्थिति की समीक्षा करेगा, संघर्ष वाले पूरे क्षेत्र में खतरों का आकलन करेगा और क्षमता विकास तथा परिचालन तैयारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए क्षमता की कमी का विश्लेषण करेगा।
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सम्मेलन में सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण, उत्कृष्ट तकनीक को शामिल करने और रूस-यूक्रेन युद्ध के किसी भी प्रभाव पर मूल्यांकन से संबंधित पहलुओं पर भी चर्चा होगी। वरिष्ठ कमांडरों द्वारा सम्मेलन में वित्त प्रबंधन, ई-वाहनों को शुरू करने और डिजिटलीकरण से संबंधित प्रस्तावों के अतिरिक्त क्षेत्रीय कमानों द्वारा प्रायोजित विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन के हिस्से के रूप में आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (एडब्ल्यूईएस) और आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकें आयोजित की जाएंगी।
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