मुख्यमंत्री ने कहा- पहले होगा नहर निर्माण, फिर ट्रिब्यूनल करेगा पानी का बंटवारा

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चंडीगढ़ः हरियाणा व पंजाब के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर चल रहे विवाद में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि पहले नहर का निर्माण होगा, उसके बाद ही ट्रिब्यूनल पानी की बंटवारा करेगा।

गुरुवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि एसवाईएल बनेगी और इसके निर्माण के लिए दोनों राज्य आपसी सहमति पर आएं। मगर पंजाब के मुख्यमंत्री और अधिकारी एसवाईएल कैसे बने, इस एजेंडे पर आना ही नहीं चाहते। वह हमेशा पानी के बंटवारे की बात करते हैं, जबकि पानी के बंटवारे के लिए अलग से ट्रिब्यूनल बनाया हुआ है, यदि पानी के बंटवारे को लेकर कोई बात कहनी है, तो ट्रिब्यूनल के सामने सारी बात रख सकते हैं, जो भी बंटवारा होगा, उस हिसाब से पानी मिलेगा। लेकिन उसके लिए एसवाईएल का बनना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के पानी की जरूरतों को पूरा करना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है। हरियाणा दिल्ली को जितना पानी दे रहा है, उसमें से अधिकांश हिस्सा पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली को उसका पूरा पानी दे रही है।

केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री को दे फार्मूला

एसवाईएल के समाधान के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फॉर्मूला सुझाने के बयान पर मनोहर लाल ने कहा कि यदि अरविंद केजरीवाल के पास कोई फॉर्मूला है, तो वे पजांब के मुख्यमंत्री को बता दें और जब हमारी बैठक होती है तो पंजाब के मुख्यमंत्री सबके सामने उस फॉर्मूला को सुझाएं। यदि फिर भी वे कोई फॉर्मूला बताना चाहते हैं तो वे सुप्रीम कोर्ट को बताएं।

हरियाणा दे रहा है दिल्ली को पूरा पानी

मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली के पानी को कम करने का कोई कारण नहीं बनता है, हरियाणा पूरा पानी दे रहा है। हालांकि, हरियाणा में पीने के पानी के साथ-साथ एक बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में पानी की मांग ओर बढ़ेगी तथा यदि हमें कहीं ओर से जैसे पंजाब से या किसी अन्य स्त्रोीत से पानी मिलता है तो आने वाले समय में हरियाणा दिल्ली की पानी की मांग को पूरा कर पाएगा। सभी क्षेत्रों की पानी की आवश्यकता पूरी हो, ऐसा रास्ता निकालने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

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