रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में मध्य भारत का नया फार्मास्युटिकल हब (pharmaceutical hub) बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसकी मंजूरी दे दी है। फार्मास्युटिकल पार्क से नए शोध, विकास और अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढ़ाने के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना के लिए ग्राम टूटा के सेक्टर 22 में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) को 141.84 एकड़ जमीन आवंटित की है।
Pharmaceutical Park से स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ ही फार्मास्युटिकल क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएं आम लोगों को आसानी से उपलब्ध हो, इस सोच के साथ राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में प्रभावी इको-सिस्टम बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यदि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ और जनोन्मुखी बनाना जरूरी है। फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना इसी का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति में फार्मास्युटिकल क्षेत्र के उद्योगों को अनेक सुविधाएं और रियायतें देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश बढ़ेगा साथ ही फार्मास्युटिकल क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। एनआरडीए 142 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के साथ ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना से हम घरेलू और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों की बढ़ती मांग को आसानी से पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के माध्यम से राज्य के 77 लाख 20 हजार परिवारों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का लक्ष्य है।
सरकार की तरफ से Pharmaceutical Park को मिली ढेरों सुविधाएं
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत विशेष परिस्थितियों में इलाज के लिए 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि फार्मास्युटिकल पार्क में आयुष उत्पादों में विशेषज्ञता रखने वाली दवा इकाइयों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह पार्क फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) सहित आधुनिक बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित होगा। अनुसंधान एवं विकास केन्द्र तथा परीक्षण प्रयोगशाला जैसी आवश्यक सेवाएं भी इसमें शामिल होंगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फार्मास्युटिकल क्षेत्र में बड़े उद्यमों के लिए परियोजना में स्थायी पूंजी निवेश के मदों पर निवेशित राशि के 100 प्रतिशत तक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है। फार्मास्युटिकल इकाईयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि से 12 वर्ष तक भुगतान किए गए शुद्ध एसजीएसटी अधिकतम स्थायी पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति अथवा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान प्रदान करने का प्रावधान है।
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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 50 करोड़ से अधिक किन्तु 200 करोड़ से कम पूंजी निवेश पर अधिकतम 60 करोड़ रुपये अनुदान, 200 करोड़ से अधिक किन्तु 500 करोड़ से कम पूंजी निवेश पर 150 करोड़ रुपये अनुदान तथा 500 करोड़ से अधिक पूंजी निवेश पर अधिकतम 300 करोड़ रुपये अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति में फार्मास्युटिकल इकाईयों को 12 वर्षों तक विद्युत शुल्क में छूट, स्टाम्प शुल्क में छूट, पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति तथा नवीन विद्युत कनेक्शन पर देय शुल्क सहित अनेक रियायतें देने का प्रावधान किया गया है।
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