लखनऊ: KGMU के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय इमरजेंसी मेडिसिन एंव इन्टेन्सिव केयर कॉन्फ्रेंस का समापन समारोह आज धूमधाम से संपन्न हुआ। इस समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित सफल कार्यक्रम के लिए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हैदर अब्बास को बधाई दी।
700 चिकित्सकों ने लिया भाग
“From Crisis to Care: Trends and Transformation” विषय पर केंद्रित इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए लगभग 700 चिकित्सकों ने भाग लिया। सम्मेलन में इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में आ रही नई चुनौतियों, नवीनतम तकनीकों और भविष्य की दिशाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
बृजेश पाठक ने की KGMU के प्रयासों की सराहना
सम्मेलन का उद्घाटन 5 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया था। उन्होंने अपने संबोधन में इमरजेंसी मेडिसिन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि राज्य सरकार इमरजेंसी सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने केजीएमयू के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान राज्य में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।
समापन समारोह में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के निदेशकों ने भी भाग लिया और प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। सम्मेलन में प्रस्तुत शोधपत्रों और क्विज प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
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इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर बनाने पर चर्चा
सम्मेलन में इमरजेंसी मेडिसिन के विभिन्न पहलुओं जैसे कार्डियक अरेस्ट, ट्रॉमा, विषाक्तता, और आपदा प्रबंधन पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए। सम्मेलन में लाइफ सेविंग स्किल्स, बेसिक लाइफ सपोर्ट और एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट पर व्यावहारिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं। साथ ही, विभिन्न मेडिकल उपकरणों और टेक्नोलॉजी की प्रदर्शनी भी लगाई गई। सम्मेलन में युवा वैज्ञानिकों को अपने शोधपत्र प्रस्तुत करने का अवसर मिला।
अंतरराष्ट्रीय सहयोगरू सम्मेलन में विदेशी विशेषज्ञों ने भी भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। इस सम्मेलन ने इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में नए आयाम खोले हैं। यह सम्मेलन भविष्य में भी आयोजित किया जाएगा ताकि इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिल सके। माना जा रहा है कि केजीएमयू द्वारा आयोजित यह सम्मेलन इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस सम्मेलन से प्राप्त ज्ञान और अनुभव से इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान
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