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वित्त मंत्री ने कहा, 'एक जिला-एक उत्पाद' को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करें बैंक

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि ‘एक जिला-एक उत्पाद’ को बढ़ावा देने के लिये बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है। निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद मुंबई में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पीएसबी प्रमुखों से कहा गया है कि वे निर्यातकों के संगठनों से बातचीत करें और उनकी जरूरतों को समझें।

वित्त मंत्री ने बताया कि ‘एक जिला, एक उत्पाद निर्यात’ एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों से राज्यों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद अच्छा काम किया और इस दौरान वह रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं। सीतारमण ने बैंकों से वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र को समर्थन देने को भी कहा। उन्होंने बैंकों को उत्तर पूर्व भारत में फोकस करने के साथ इन क्षेत्रों में उधारी को बढ़ावा देने को कहा, जिससे बैंकों को लाभ होगा।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सीतारमण ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों के प्रमुख के साथ हुई समीक्षा बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समर्थन में उनकी ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और वे अब फायदा दे रहे हैं। कोरोना से पहले बड़े बैंकों में छोटे बैंकों का विलय किया गया था। इससे ग्राहकों को कोई दिक्कत नहीं हुई और बैंक अच्छा काम कर रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना के समय कस्टम विभाग के अधिकारियों ने बिना आराम किए हुए सातों दिन 24 घंटे काम किया। इसी तरह जीएसटी अधिकारियों ने भी काम किया। जीएसटी का औसत संग्रह हर महीने 1 लाख करोड़ रुपये रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों के प्रमुख के साथ हुई इस समीक्षा बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा, वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पंकज जैन और अमित अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

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सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या राहुल गांधी मौद्रीकरण के बारे में जानते हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में देश के संसाधनों को बेचने का काम हुआ है, जिसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र सरकार की राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर सवाल उठाए थे।

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