नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर इस साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। उनके कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है, क्योंकि दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।
मास्को की आधिकारिक दो दिवसीय यात्रा पर गए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को इसका खुलासा किया।
यह कदम अमेरिका और चीन के साथ भारत के संबंधों में हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर महत्व रखता है। भारत ने हाल ही में अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत के कृषि सुधारों और अन्य आंतरिक निर्णयों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर चेतावनी जारी की थी। सरकार का आरोप है कि हिंसक प्रदर्शनकारी और उन्हें समर्थन देने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का जमकर इस्तेमाल करते हैं और सरकार की ओर से प्लेटफॉर्म को आगाह किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
भारत सरकार की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कड़ी आपत्ति जताने और चेतावनी जारी करने के बाद हालांकि प्लेटफॉर्म ने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का दावा भी किया है। इसी समय भारतीय और चीनी सेना लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पनपे गतिरोध को खत्म करने के लिए भी प्रयासरत हैं। भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले 10 महीने से गतिरोध बना हुआ है।
श्रृंगला ने अपनी यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए मास्को से एक वीडियो लिंक में कहा, स्पष्ट रूप से बहुत कुछ है, जो रिश्ते में हो रहा है। यह दोनों देशों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण रिश्ता है। मुझे लगता है कि हम अगले कुछ महीनों में कुछ डेवलपमेंट देखेंगे, जो हम दोनों की करीबी और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा।
इसके अलावा श्रृंगला ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, मैं यहां खूबसूरत मॉस्को शहर आकर प्रसन्न हूं। नए साल में भारत से बाहर यह मेरी पहली यात्रा है। कोविड के समय मेरी यह यात्रा इस बात का संकेत है कि हम रूस के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देते हैं।
उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि यह बहुत ही सार्थक चर्चा होगी। श्रृंगला ने कहा कि वह शिक्षाविदों और मीडिया के लोगों से भी मिलेंगे तथा रूस की संस्कृति की अनुभूति करेंगे। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर मेरा मानना है कि हम यह देखने के लिए सही राह पर हैं कि पहले से ही जोशपूर्ण संबंधों और भारत-रूस के बीच अत्यंत मजबूत रणनीतिक भागीदारी को हम किस तरह आगे बढ़ा सकते हैं।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि रूस के उपविदेश मंत्री इगोर मोरगुलोव के आमंत्रण पर विदेश सचिव मॉस्को की यात्रा पर हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा था, विदेश सचिव, उप विदेश मंत्री मोरगुलोव के साथ भारत-रूस विदेश कार्यालय के अगले दौर की वार्ता में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान दोनों पक्ष आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान समेत समग्र द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की रूस के उप विदेश मंत्री इगोर मोरगुलोव के साथ बुधवार को द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों को लेकर शानदार चर्चा हुई। इस साल अपनी पहली विदेश यात्रा पर यहां पहुंचे श्रृंगला और मोरगुलोव ने वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन सहित आगामी उच्चस्तरीय बैठकों की तैयारियों की समीक्षा भी की।
मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि बैठक के दौरान विदेश सचिव श्रृंगला ने रूस के उप विदेश मंत्री मोरगुलोव के साथ द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों को लेकर शानदार चर्चा की।
भारतीय विदेश सचिव और रूसी विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोनों देशों के बीच साझेदारी पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने कोरोनावायरस महामारी और कोविड-19 वैक्सीन वितरण के संयुक्त प्रयासों के अलावा अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा की।
श्रृंगला रूसी विदेश मंत्रालय की प्रतिष्ठित राजनयिक अकादमी में ‘भारत-रूस संबंधों’ पर भाषण भी दे रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बनी स्थिति के बावजूद, भारत और रूस ने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी की गति को बनाए रखा है। विदेश सचिव द्वारा मॉस्को की इस वर्ष की पहली विदेश यात्रा का यह महत्व है कि भारत रूसी संघ के साथ अपने घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है।