Friday, November 15, 2024
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Homeफीचर्डअत्याचार और तानाशाही के खिलाफ है लड़ाई : दीपा चक्रवर्ती

अत्याचार और तानाशाही के खिलाफ है लड़ाई : दीपा चक्रवर्ती

कोलकाताः कोलकाता नगर निगम चुनाव में महज 24 घंटे बाकी हैं। इस बीच वार्ड नंबर 74 से फॉरवर्ड ब्लॉक की माकपा उम्मीदवार दीपा चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी लड़ाई तानाशाही और अत्याचार के खिलाफ है। जीत की उम्मीद जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक और निष्पक्ष तरीके से वोटिंग होती है तो लोग उनके पक्ष में जमकर मतदान करेंगे। मंगलवार दोपहर वह अलीपुर बॉडीगार्ड लाइन में प्रचार करने गई थीं लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रेजिडेंशियल कंपलेक्स में घुसने नहीं दिया जिसके बाद रात तक धरने पर बैठी रहीं। बाद में माकपा के बड़े नेता नरेन चटर्जी पहुंचे और पुलिस कर्मियों से बातचीत हुई जिसके बाद उन्होंने धरना खत्म किया। एक दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार ने यहां प्रचार किया था लेकिन पुलिसकर्मियों ने कोई रोक टोक नहीं की जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी।

दीपा बचपन से ही वामपंथी माहौल में पली-बढ़ी हैं। पिता दिलीप कहली सीटू नेता थे। ज्येष्ठ सुनील कहली न्यू बैरकपुर नगर पालिका के प्रमुख थे। भैरब गांगुली कॉलेज की पूर्व छात्रा दीपा अपनी शादी के बाद तक राजनीति में शामिल नहीं हुईं। तृणमूल के राज्य में सत्ता में आने के बाद जब उन्होंने देखा कि उनके पति संकेत चक्रवर्ती को राजनीतिक बदला लेने के लिए तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है, तो वे खुद को काबू में नहीं रख पाईं। 2015 के केएमसी चुनाव में वार्ड नंबर 112 में भाजपा की उम्मीदवार थीं।

बाद में दीपा 15 नवंबर को अशोक घोष के निमंत्रण पर फॉरवर्ड ब्लॉक में शामिल हुईं। अब पायनियर महिला संघ की कलकत्ता जिला सचिव हैं। अलीपुर के साथ कलकत्ता नगर पालिका के बोरो नंबर-नौ के तहत वार्ड नंबर 74 भवानीपुर विधानसभा के अधीन है। 2011 की जनगणना में जनसंख्या 42 हजार 176 थी। इस बार महिला आरक्षित इस वार्ड में तृणमूल की देबलीना विश्वास और भाजपा की परमिता दत्ता हैं।

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दीपा के पति संकेत चुनाव प्रचार का हिस्सा नहीं बन रहे हैं। वाममोर्चा कर्मचारी संघ के नेता संकेत के बारे में जब दीपा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह घर में बच्चे और बूढ़े मां-बाप की देखरेख में लगे हुए हैं। मैं चुनाव प्रचार कर सकूं इसके लिए छुट्टी लेकर वह घर का काम देख रहे हैं।

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