मथुराः उत्तर प्रदेश की एक महिला सिपाही ने रूढ़िवादी मानसिकता पर करारा प्रहार करते हुए मानवता की मिसाल कायम की है। महिला सिपाही ने अपने हाथों एक अज्ञात युवती के शव का अंतिम संस्कार कर यह संदेश दिया कि हर मृत व्यक्ति सम्मान का हकदार है। मथुरा की महिला सिपाही ने अज्ञात युवती के शव का अंतिम संस्कार किया। अज्ञात युवती का शव 11 अप्रैल को नहर में मिला था।
मिली जानकारी के अनुसार कोसीकलां पुलिस स्टेशन में तैनात 25 वर्षीय शालिनी वर्मा ने कहा कि युवती का मृत शरीर खराब हो चुका था और इसकी पहचान नहीं हो सकी थी। इसलिए उन्होंने युवती को सम्मानजनक विदाई देने का फैसला किया। जिस पर श्मशान के पुजारी ने उसे अज्ञात युवती की चिता को जलाने से रोकने की कोशिश की और इसका विरोध किया। हालांकि पुजारी के तर्क और विरोध के बावजूद महिला सिपाही ने अपने हाथों से उस महिला का अंतिम संस्कार कर दिया।
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बुलंदशहर की रहने वाली शालिनी के मुताबिक हर मृत व्यक्ति सम्मान का हकदार है। शालिनी पहले कोविड-19 से संक्रमित थी और उन्होंने कहा कि उन्हें संकट के इस समय में अंतिम संस्कार करने से कोई डर नहीं था। अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर एक किसान की बेटी शालिनी 2016 में पुलिस में शामिल हुई थीं और प्रशिक्षण के बाद वह सितंबर 2017 में कोसीकलां में तैनात हुईं। शालिनी ने कहा कि समाज की इस रूढ़िवादी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है कि अंतिम संस्कार एक महिला द्वारा नहीं किया जा सकता है या वह एक श्मशान भूमि का दौरा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मैंने किताबें पढ़ी हैं और उसमें तथ्य यह है कि महिलाएं डर की वजह से श्मशान घाट नहीं जाती हैं।