जगदलपुर: मध्य प्रदेश के बालाघाट में दो दिन पहले हुए Encounter में मारी गई चार महिला नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। ये सभी छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की हार्डकोर नक्सली थीं और एके-47, इंसास, एसएलआर जैसी राइफल चलाना जानती थीं। इन पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस की ओर से कुल 62 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
नया ठिकाना तलाश रहे नक्सली
मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों पर दबाव बढ़ रहा है, इसलिए वहां से नक्सली अपना नया ठिकाना तलाशने मध्य प्रदेश पहुंच रहे हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने शुक्रवार को बताया कि मारी गई चारों महिला नक्सलियों को कुछ साल पहले नक्सल संगठन के शीर्ष कैडर यहां से ले गए थे। उन्होंने बताया कि बस्तर के लोगों को गुमराह कर नक्सली उन्हें मुठभेड़ में ढाल की तरह इस्तेमाल करते हैं और खुद बच निकलते हैं।
बालाघाट आईजी संजय कुमार के मुताबिक मारी गई नक्सली यूनिट को ‘केबी’ डिवीजन के नाम से भी जाना जाता था। केबी डिवीजन की कमांडर आशा थी, जो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी। उस पर कुल 20 लाख रुपए का इनाम था। इसमें से महाराष्ट्र में 12 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्य प्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम घोषित था। आईएएस संजय कुमार ने बताया कि मारी गई नक्सली रंजीता, शीला और लाखे मरावी पर 14-14 लाख रुपए का इनाम था।
सरकार लगातार कर रही सरेंडर की अपील
रंजीता उर्फ रामली आलमी छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की रहने वाली थी। उस पर महाराष्ट्र में 6 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्य प्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सरिता उर्फ शीला उर्फ पदम मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी। उस पर महाराष्ट्र में 6 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्य प्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम था। इसके अलावा सुकमा की रहने वाली लाखे मरावी पर भी महाराष्ट्र में 6 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्य प्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि इन चारों नक्सलियों के शवों के पास से एक इंसास राइफल, एक एसएलआर राइफल, एक प्वाइंट 303 और 315 सिंगल शॉट गन बरामद की गई है।
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बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर में नक्सलियों का आधार क्षेत्र खत्म हो रहा है। लगातार हो रही मुठभेड़ों में नक्सलियों के कई बड़े कैडर मारे गए हैं। इसके साथ ही कई नक्सली इलाकों में सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित किए गए हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल दें। हिंसा में कुछ नहीं है, मुख्यधारा में वापस आ जाएं। उन्होंने बताया कि इस अपील का असर भी हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
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