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Female Doctor Case: पश्चिम बंगाल सरकार की डॉक्टरों से अपील, काम पर लौटकर संभालें स्वास्थ्य सेवाएं

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कोलकाताः पिछले कुछ दिनों से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने और आम जनता के हित में स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने की अपील की। ​​राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने कहा कि सरकार दोषियों को सख्त सजा और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मरीजों को नहीं मिल रहीं आपातकालीन सेवाएं

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा पेशेवरों की गरिमा का पूरा सम्मान करती है और इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है। निगम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। हमें कुछ अस्पतालों में मरीजों को समय पर आपातकालीन सेवाएं नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने सभी प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से सरकार की पारदर्शी जांच और डॉक्टरों की सुरक्षा के उचित इंतजाम को ध्यान में रखते हुए काम पर लौटने की अपील की। ​​उन्होंने कहा कि सरकार आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कड़ी निंदा करती है।

ओपीडी में लगी लंबी कतारें

हम दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पुलिस आयुक्त खुद जांच की निगरानी कर रहे हैं और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। निगम ने यह भी कहा कि पीड़िता के माता-पिता को जांच की प्रगति के बारे में नियमित रूप से जानकारी दी जा रही है। पुलिस की तत्परता के कारण घटना के 12 घंटे के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, मंगलवार को राज्य भर में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखी, जिससे सरकारी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में लंबी कतारें लग गईं। वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपने जूनियर सहयोगियों की जगह मरीजों को सेवाएं देने की कोशिश की, लेकिन भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है। प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर महिला डॉक्टर की हत्या की मजिस्ट्रेट जांच और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे हैं।

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उन्होंने कोलकाता पुलिस को जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक की समयसीमा भी दी है। हालांकि, हाईकोर्ट ने अब जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। देखना यह है कि राज्य सरकार इसे स्वीकार करती है या इसके खिलाफ फिर से अपील करती है। इस बीच, राज्य सरकार ने ओपीडी में मरीजों की भीड़ को संभालने के लिए सभी वरिष्ठ डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

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