यूपीपीसीएल के निर्देश पर तैनात किए जाएंगे फीडर इंचार्ज, होगी ये जिम्मेदारी

35
responsible-for-revenue-collection-line-loss-UPPCL

लखनऊः उपभोक्ताओं के बेहतर बिजली उपलब्ध कराने के लिए यूपीपीसीएल के निर्देश पर फीडर इंचार्ज तैनात किए जाएंगे। राजस्व वसूली, लाइन लॉस कम करने और बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी फीडर इंचार्ज की होगी। प्रत्येक फीडर पर एक विभागीय और एक आउटसोर्स कर्मी फीडर इंचार्ज के तौर पर तैनात होंगे। इसके अलावा फीडर इंचार्ज के जिम्मे ही इलाके के ट्रांसफार्मरों की ओवरलोडिंग देखने की भी जिम्मेदारी होगी।

फीडर इंचार्ज की सहायता के लिए उपखंड अधिकारी व अवर अभियंता भी लगाए जाएंगे। फीडर इंचार्ज के तौर पर तैनात होने वाले दोनों कर्मियों को ही नियमित रूप से रजिस्टर भी मेंटेन करना होगा। उनके काम की समीक्षा भी इसी आधार पर होगी। बेहतर काम करने वाले कर्मियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा, वहीं काम में लापरवाही बरतने वाले नियमित कर्मी के कार्यक्षेत्र व कार्यस्थल में बदलाव किया जाएगा जबकि आउटसोर्स कर्मी को सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। फीडर इंचार्ज की जिम्मेदारी होगी कि फीडर से जितनी बिजली उपभोक्ता तक जा रही है, उतने का राजस्व आ रहा है अथवा नहीं। लेसा में 145 के करीब सबस्टेशन हैं। आमतौर पर एक सबस्टेशन पर 05 से 10 फीडर होते हैं।

फीडर को एक रजिस्टर दिया जाएगा, जिस पर इलाकाई इंजीनियरों द्वारा पैरामीटर लिख दिया जाएगा। उस पैरामीटर का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी फीडर इंचार्ज पर होगी। बिजली चोरी रोकने के लिए जहां पर बिजली चोरी हो रही है, इसकी जानकारी एसडीओ व जेई को देना और स्थानीय पुलिस व प्रवर्तन दल की मदद से छापेमारी करवाने की भी जिम्मेदारी फीडर इंचार्ज की होगी। मासिक फीडर रिपोर्ट भी बनाई जाएगी, ताकि इसका पता चल सके कि सुधार हो रहा है अथवा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। विद्युत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फीडर मॉनीटरिंग से उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली मिल सकेगी। इसके साथ ही बिजली चोरी पर अंकुश लग सकेगा और लाइन लॉस कम करने में भी मदद मिलेगी।

स्मार्ट मीटर की खूबियां बताएगा मध्यांचल

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की खूबियां बताएगा, ताकि आम उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर किया जा सके। इसके लिए करीब सप्ताह भर की कार्यशाला आयोजित करने की योजना है। राजधानी में 10 लाख और मध्यांचल के 19 जनपदों में 90 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। विभाग का दावा है कि इससे रीडिंग पारदर्शी आएगी और उपभोक्ता को समय पर बिल मिल सकेगा। स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद उपभोक्ता निर्धारित किलोवाट से अधिक बिजली का उपभोग नहीं कर पाएंगे। अधिक बिजली लोड का प्रयोग करते ही यह काम करना बंद कर देगा। यह तकनीकी मीटर में है। हालांकि विभाग पहले चरण में यह तकनीकी मीटर में फीड करता है अथवा यह देखना होगा। उपभोक्ता मीटर का प्रयोग पोस्ट पेड से प्रीपेड में करा सकेंगे। स्मार्ट मीटर का उपयोग नेट मीटर में भी हो सकेगा।

बिजली कर्मियों के यहां सबसे पहले लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर

यूपीपीसीएल सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, कॉलोनियों व बिजली कर्मियों के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाएगा। स्मार्ट मीटर को लेकर उठाए जा रहे सवालों को लेकर यह फैसला लिया गया है। हालांकि बिजली कर्मियों के यहां लगाए जाने वाले प्रीपेड स्मार्ट मीटर को रीचार्ज कराने की जरूरत नहीं होगी। बिजली कर्मियों को मौजूदा व्यवस्था के तहत ही तय धनराशि ही देनी होगी। गत दिनों समीक्षा बैठक के दौरान यूपीपीसीएल अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने कहा था कि स्मार्ट मीटर को लेकर आम उपभोक्ताओं में विश्वास जगाने के लिए सबसे पहले बिजली कर्मियों, अभियंताओं के यहां ही लगाया जाए।

यह भी पढ़ेंः-Chhattisgarh: थान प्रभारियों ने की अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच, दिए सख्त निर्देश

मुख्य अभियंता अपने यहां स्मार्ट मीटर लगवाएं और उसकी फोटो शेयर करें। इसी प्रकार से सरकारी कार्यालयों व कालोनियों में स्मार्ट मीटर लगाया जाए। बिजली कर्मियों को मीटर रीडिंग के अनुसार बिल न देने की सुविधा है। ऐसे में यह व्यवस्था की जाएगी जिससे बिजली कर्मियों को मीटर रीचार्ज करने की जरूरत न पड़े। रीचार्ज न कराने पर भी बिजली की आपूर्ति बनी रहे। हालांकि बिजली कर्मी परिसर पर मीटर लगाने का पुरजोर विरोध करते रहे हैं। यही वजह है कि बिजली कर्मियों के यहां मीटर लगाने का आदेश करीब 10 वर्षों बाद भी लागू नहीं हो सका।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)