Wednesday, January 1, 2025
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नए साल का जश्न मनाना मुसलमानों के लिए हराम…

Bareilly News : एक तरफ जहां लोग नए साल के स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ नए साल के जश्न (New Year 2025) के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है। नए साल के जश्न के खिलाफ फतवा जारी करने वाले चश्मे दारुल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि इस्लामी शरीयत की रोशनी में नए साल का जश्न मनाना, मुबारकबाद देना और कार्यक्रम आयोजित करना नाजायज है।

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन ने फतवे में क्या कुछ कहा

फतवे में कहा गया है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो अंग्रेजों और ईसाइयों का नया साल होता है। यह ईसाइयों का धार्मिक कार्यक्रम है। वे हर साल के पहले दिन जश्न मनाते हैं। इसमें वे तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। ईसाइयों के लिए सिर्फ ‘मजहबी शिआर’ (धार्मिक कार्यक्रम) है। इसलिए मुसलमानों के लिए नया साल मनाना जायज नहीं है। इस्लाम ऐसे कार्यक्रमों की सख्त मनाही करता है।

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मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में कहा है कि नए साल का जश्न मनाना, एक-दूसरे को बधाई देना, पटाखे फोड़ना, ताली बजाना, शोर मचाना, सीटी बजाना, लाइट बंद करके फिर जलाना, नाचना-गाना, शराब पीना, जुआ खेलना, मोबाइल से व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजकर एक-दूसरे को बधाई देना, ये सभी गतिविधियां इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज हैं।

शरीयत के खिलाफ काम करना गुनाह

फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि वे दूसरों के धार्मिक त्योहारों में शामिल होने या उन्हें खुद मनाने या उनके जश्न को देखने से बचें और दूसरे मुसलमानों को भी ऐसा करने से रोकें। अगर कोई शख्स ऐसा गैर-शरीयत काम करता है तो वह गंभीर गुनाहगार होगा। मुसलमानों को शरीयत के खिलाफ कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

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