किसान संगठनों का दिल्ली कूच का ऐलान, कहा- SIT जांच पर हमें भरोसा नहीं

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चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा शंभू बॉर्डर खोलने के लिए दी गई समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई। अब किसानों ने ऐलान किया है कि बॉर्डर खुलते ही वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे। साथ ही किसानों ने किसान शुभकरण की मौत के मामले में गठित स्पेशल टास्क फोर्स को भी खारिज कर दिया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में किसान संगठनों की बैठक हुई।

मांगे पूरी न होने तक जारी रहेगा आंदोलन

बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने ऐलान किया कि शंभू बॉर्डर खुलते ही किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ सामान समेटने में समय लगेगा, उसके बाद हम दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। किसान शुभकरण की मौत के मामले में गठित स्पेशल टास्क फोर्स को किसानों ने खारिज कर दिया है। दल्लेवाल ने कहा कि उन्हें कोई उम्मीद नहीं है कि हरियाणा सरकार के अधिकारी जांच में न्याय करेंगे।

10 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 7 दिन के अंदर बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे। मंगलवार को इसका आखिरी दिन है, लेकिन हरियाणा सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई है। सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। दल्लेवाल ने बताया कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान जुटने शुरू हो गए हैं। दल्लेवाल ने कहा कि किसानों की प्राथमिकता दिल्ली जाकर रामलीला मैदान में जनसभा करने की है। सरकार हमें जहां भी रोकेगी, वह सरकार की जिम्मेदारी होगी। जब तक सरकार हमसे किए वादे पूरे नहीं करती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। 15 सितंबर को जींद के पास बहुत बड़ी महापंचायत की जाएगी।

किसानों को बदनाम करने की साजिश

इसके अलावा अंबाला के पास भी महापंचायत की जाएगी। 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी योजना है। किसान नेताओं ने बताया कि कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग बढ़ा दी है। शंभू बॉर्डर पर बारिश से बचने के लिए प्लास्टिक का शेड बना रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर बॉर्डर नहीं खोल रहे हैं। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान युवा किसान शुभकरण की मौत पर दी गई रिपोर्ट को खारिज करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है। शंभू में 6 फरवरी 2024 से बैरिकेडिंग शुरू हो गई थी। हमारी पहली मीटिंग 8 फरवरी को हुई थी।

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किसानों को 13 फरवरी को पहुंचना था, लेकिन उससे पहले 12 फरवरी को ही 100 से ज्यादा आंसू गैस के गोले दागे गए। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने शुभकरण की मौत की एफएसएल रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिस को बचाने के लिए इस तरह की रिपोर्ट को प्रभावित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए यह कहा गया कि पुलिस शॉटगन का इस्तेमाल नहीं करती। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस के जवानों को शॉटगन चलाने की ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इसके वीडियो भी हैं।

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