करनालः किसानों ने अपनी तय योजना के तहत करनाल के लघु सचिवालय पर डेरा तो जमा लिया है, लेकिन किसान अपने इस मोर्चे को ज्यादा लंबा खिंचने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं, यही कारण है कि आगामी 11 सितंबर होने वाली किसान नेताओं की बैठक में आर पार की लड़ाई करने का तय कर रहे हैं। दरअसल किसानों और प्रशासन के बीच हुई वार्ताएं बेनतीजा रही थीं, जिसके बाद किसानों ने धरना जारी रखने का एलान किया था।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के करनाल जिला अध्यक्ष और कोर कमिटी के सदस्य जगदीप सिंह औलख ने बताया कि, सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा और हरियाणा के किसान संगठनों की बैठक करनाल के धरनास्थल पर होगी और इस बैठक में आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि, किसान संगठन पहले ही हरियाणा सरकार को 3 दिन का वक्त दे चुके हैं लेकिन सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही। इसी के चलते 11 तारीख को कुछ ऐसा बड़ा ऐलान किया जाएगा कि खट्टर सरकार को हर हाल में झुकना होगा।
किसान संगठनों के अनुसार, अब सरकार से बातचीत भी तब होगी, जब 28 अगस्त को करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज और सिर फोड़ने की बात करने वाले वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके हरियाणा सरकार किसान नेताओं को जानकारी देगी तभी आगे की बातचीत शुरू की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, बीते 28 अगस्त को तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा ने पुलिस को सीधे तौर पर किसानों के सिर फोड़ने का आदेश दिया था।
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किसानों का आरोप है कि सरकार ने बर्खास्त करने के बजाय उन्हें पदोन्नत किया। किसानों की मांग है कि, अधिकारी बर्खास्त हो और उस पर हत्या का मामला दर्ज हो। मृतक सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपये, उनके बेटे को सरकारी नौकरी और पुलिस हिंसा में घायल हुए किसानों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग उठाई।
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