धमतरी : नौतपा और पंचक खत्म होने के बाद किसानों ने खरीफ धान की फसल की तैयारी शुरू कर दी है। बोरवेल सिंचाई सुविधा वाले किसान खेतों में रोपाई के लिए नर्सरी तैयार कर रहे हैं, जबकि बुआई विधि से खेती करने वाले किसानों को अब बारिश का इंतजार है, क्योंकि जिले में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसान बुआई विधि से खेती करते हैं। यहां चिलचिलाती गर्मी और उमस ने हर वर्ग को बेहाल कर रखा है।
नौतपा और पंचक खत्म होने के बाद क्षेत्र के किसान खरीफ सीजन की तैयारी में जुट गए हैं। मैदानी व वन क्षेत्रों में बुवाई विधि से खेती करने वाले अधिकांश किसानों ने अपने खेतों की सूखी जुताई की है. अब ऐसे किसान बिजाई विधि से धान बीज बोने के लिए बारिश शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। तीन-चार बार बारिश होते ही किसान अपने खेतों में धान के बीज का छिड़काव करेंगे।
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गौरतलब है कि जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड एवं नगरी प्रखंडों में किसान खरीफ में 70 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुआई विधि से खेती करते हैं। ऐसे किसान अब बारिश शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी ओर, सिंचाई की सुविधा वाले किसान खरीफ फसलों की रोपाई के लिए अपने खेतों में नर्सरी स्थापित कर रहे हैं। खेतों को पानी से सींचने के बाद जल्द बीजों का छिड़काव किया जाएगा। कई किसानों ने बीज का छिड़काव कर दिया है, ऐसे किसानों के खेतों में अब नर्सरी तैयार की जा रही है। कृषि उप निदेशक मोनेश कुमार साहू ने बताया कि कृषि विभाग ने इस वर्ष जिले में एक लाख 42 हजार हेक्टेयर में धान की कटाई का लक्ष्य रखा है। 20 हजार हेक्टेयर रकबे में धान के अलावा कोदो कुटकी, सुगंधित धान एवं गढ़वाले की खेती की जायेगी।
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