अफसरों ने मुंह फेरा तो 10 गांवों के किसानों ने खुद कर डाली नहर की मरम्मत

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रायपुर: धमतरी में सोंढुर जलाशय से निकलने वाली नहर नाली कई जगह से क्षतिग्रस्त है। सोंढुर से बेलर तक सिंचाई के लिए नहर बनाई गई थी, लेकिन हर साल बारिश के दौरान ये नहर कई जगह से टूट जाती है। सिंचाई विभाग द्वारा ठीक से मरम्मत नहीं करने के कारण आसपास गांवों से कई किसानों ने नहर की मरम्मत का जिम्मा खुद ही उठाया और दिनभर की कड़ी मेहनत के बाद नहर को ठीक किया। उधर, सिंचाई विभाग के अधिकारियों से लेकर कर्मचारी इस समस्या को दूर करने गंभीरता नहीं दिखा रहे।

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हर साल बारिश के दौरान ये नहर कई जगहों से टूट जाती है, जिसकी मरम्मत सिंचाई विभाग हर बार करा देता है। मगर इस बार धान खेती में बारिश नहीं हुई। 25 दिन से ज्यादा हो गए हैं, जिससे खेत सूखने लगे हैं। किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है। नहर की मरम्मत नहीं कराई गई। ग्रामीण खुद ही नहर की मरम्मत कार्य के लिए जुट गए।

पोडाग़ांव ,रतावा, घटुला, पांवद्वार, पदमपुर, पाईकभाठा, गिधावा, बेलर इस तरह आठ से 10 गांवों के किसान हाथ में फावड़ा, सीमेंट की खाली बोरियों से नाला को ठीक किया। फसल के सूखने से चिंतित होकर इकट्ठे होकर सुबह से मररम्मत में जुट गए थे। इस अवसर पर सरपंच संघ अध्यक्ष राजू सोम, उपसरपंच घटूला मोनू साहू, गिधावा सरपंच प्रवीण मरकाम, सुशीला नेताम सरपंच पांवद्वार, पाईकभाठा सरपंच विनोद नेताम, उमेश देव रतावा, पोखराज सहारे गिधावा, हीरा सिंह साहू, दुर्देशी अग्रवाणी, किशन लाल, कन्हैया साहू, कुंजबिहारी कोर्राम, गणेश साहू सहित बड़ी संख्या में किसान सम्मिलित हुए। इस संबंध में सब इंजीनियर एसएस पैंकरा ने कहा कि निरीक्षण के बाद इसकी और अच्छे मरम्मत की जाएगी। संसाधनों की कमी के कारण नहरों के मररम्मत में समस्या हो रही है। टूटी हुई नाली को ठीक करवा देंगे।

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