Faridabad Crime: अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़, 4 सदस्य गिरफ्तार

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Faridabad Crime vehicle theft arrested

Faridabad Crime: क्राइम ब्रांच एनआईटी प्रभारी नरेश की टीम ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ कर गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में साहिल (21), इमरान (26), मुन्ना (26) और सुनील (24) के नाम शामिल हैं। आरोपी इमरान जीवन नगर, फरीदाबाद का रहने वाला है, आरोपी साहिल उत्तर प्रदेश के हापुड इलाके के मोदी कला का रहने वाला है, आरोपी मुन्ना गोवर्धन और आरोपी सुनील त्रिलोकपुरी, दिल्ली का रहने वाला है।

कब्जे से विविध सामग्री बरामद

आरोपी मुन्ना अमेजन कंपनी में काम करता है। वही साहिल दिल्ली के बाटला हाउस में कपड़े बेचने का काम करता है।  इमरान 10वीं तक पढ़ा है और ब्लिंकिट कंपनी में डिलीवरी बॉय के तौर पर काम करता है। सुनील 8वीं क्लास तक पढ़ा है, जो बिग बॉस में कटिंग का काम करता है। क्राइम ब्रांच की टीम में सब इंस्पेक्टर सुरेश, मुख्य कांस्टेबल जवाहर, कांस्टेबल अंकित हरपाल, संदीप प्रभु और नरेश शामिल थे, जिन्होंने गुप्त सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले 1 नवंबर को आरोपी साहिल को राजस्थान के भीलवाड़ा इलाके से गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से फॉर्च्यूनर कार बरामद हुई जो उसने कोतवाली क्षेत्र से चोरी की थी।

मामले की गहनता से जांच के लिए आरोपी को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया, जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान मिली जानकारी के आधार पर सह आरोपी इमरान को जीवन नगर से, सुनील को भारत कॉलोनी से और मुन्ना को गोवर्धन से गिरफ्तार किया गया। । आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को आरोपियों द्वारा पूर्व में की गई कई चोरी की वारदातों के बारे में पता चला, जिसमें पता चला कि आरोपी एक की प्रोग्राम डिवाइस का इस्तेमाल कर कार की नई चाबी बनाते थे और उसकी मदद से वारदात को अंजाम देते थे। चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो जाते थे।

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चोरी के लिए करते थे किराए की कार बुक 

कार चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी पूरे दिन के लिए किराए की कार बुक करते थे और उस कार को लेकर निकल जाते थे और जिस कार को चोरी करना होता था उसके पास खड़ी कर देते थे। चोरी करने के लिए आरोपी कार के ड्राइवर साइड के शीशे को पेचकस से तोड़ देते थे और प्रोग्राम्ड डिवाइस की मदद से कार के लिए नई चाबी तैयार कर लेते थे। नई चाबी तैयार करने के बाद आरोपी कार लेकर फरार हो जाते थे। इसके बाद चोरी की गाड़ी की नंबर प्लेट बदलकर उसका इस्तेमाल दूसरी गाड़ियों को चुराने में करते थे।

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