लखनऊ में मंगलवार से लगेगा प्रसिद्ध बुड़क्की का मेला, आदिगंगा में भक्त लगायेंगे डुबकी

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लखनऊः स्नान-दान पर्व कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को मनाया जाएगा। लखनपुरी में आदिगंगा गोमती के तट पर बसे डालीगंज के लल्लूमल घाट पर काफी संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। यहीं पर लोहे वाले पुल पर विशाल परम्परागत मेला लगता है, जिसमें काफी संख्या में शहर और आस-पास के जिलों से भी लोग खरीदारी करने आते हैं। इसको स्थानीय लोग बुड़क्की का मेला कहते हैं। मेले का अब पिछले तीन-चार सालों से झूलेलाल पार्क में लगाया जाता है। इसके अलावा कुड़िया घाट, मनकामेश्वर घाट सहित अन्य घाटों पर भी स्नान होता है।

कुछ लोगों ने सोमवार को भी स्नान किया। ऐसी परम्परा है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि में गंगा स्नान और सूर्यास्त के बाद दीपदान का विशेष महत्व है। वैसे तो पूरे कार्तिक मास में स्नान का महत्व है, लेकिन इसकी पूर्णिमा स्नान का बड़ा महत्व होता है। इसी तिथि से कार्तिक स्नान पूरा हो जाता है। धर्मग्रंथों में बताया गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की व्रत कथा सुननी चाहिए। शाम को देवालयों, चौराहों, गलियों, पीपल के वृक्षों व तुलसी के पौधे के पास दीप जलाना चाहिए। इसके अलावा गगा आदि पवित्र सरोवरों के समीप भी दीप जलाए जाते हैं। इस तिथि में माता गंगा के तट पर भारी संख्या में स्नानार्थी जुटते हैं और मेला लगता है।

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धर्मग्रंथों में इसको बड़ी पुनीत तिथि माना गया है। पौराणिक काल में भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शिव ने इसे महापुनीत पर्व प्रमाणित किया है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि में किए गए स्नान, दान, हवन, यज्ञ व उपासना का अनंत फल प्राप्त होता है। धर्मनगरी काशी नगरी में इसे देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। सिक्ख पंथ के अनुवाई इस तिथि में अपने प्रथम गुरू साहिब श्रीनानक देव जी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाते हैं। ऐसा माना गया है कि इसी तिथि में भगवान का मत्स्यावतार हुआ था।

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