Fake passport case: कोलकाता पुलिस ने उन एनआरआई की जांच तेज कर दी है, जिनका स्थायी पता पश्चिम बंगाल में है और जो फर्जी भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश में काम कर रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने कई देशों, खासकर तीन यूरोपीय देशों के दूतावासों और उच्चायोगों को आधिकारिक पत्र भेजे हैं, जहां इन फर्जी पासपोर्ट धारकों के काम करने की खबर है। पुलिस का उद्देश्य उनकी मौजूदा स्थिति और कानूनी स्थिति का पता लगाना है।
Fake passport case: संदिग्धों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी
जांच में पता चला है कि पश्चिम बंगाल के निवासी होने का दावा करने वाले इनमें से कई लोग वास्तव में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। ये लोग अवैध रूप से भारत में घुसे और फर्जी भारतीय पहचान पत्र, जैसे पासपोर्ट हासिल कर विदेश चले गए। कोलकाता पुलिस ने इन संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है, ताकि वे आगे धोखाधड़ी न कर सकें।
Fake passport case: सीमावर्ती जिलों में सक्रिय संगठित रैकेट
पश्चिम बंगाल पुलिस ने दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और नादिया जिलों में सक्रिय एक फर्जी पासपोर्ट रैकेट का पर्दाफाश किया है। ये क्षेत्र बांग्लादेश के साथ स्थलीय और तटीय सीमा साझा करते हैं, जिससे ये अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। खास तौर पर दक्षिण 24 परगना, जो बांग्लादेश के करीब एक तटीय क्षेत्र है, एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है।
जांचकर्ताओं ने पाया कि ये रैकेट बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए नकली भारतीय पासपोर्ट तैयार करने की एक संरचित प्रक्रिया का पालन करते हैं। अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के बाद, ये घुसपैठिए स्थानीय एजेंटों से संपर्क करते हैं और भारी रकम देकर नकली भारतीय पहचान पत्र प्राप्त करते हैं।
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पहले चरण में, उन्हें नकली राशन कार्ड दिए जाते हैं, जो मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे अन्य दस्तावेज़ प्राप्त करने का आधार बनते हैं। इन दस्तावेज़ों का उपयोग नकली भारतीय पासपोर्ट बनाने के लिए किया जाता है, जिससे ये घुसपैठिए झूठी पहचान के साथ देश छोड़ने में सक्षम हो जाते हैं।
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