नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पूर्व कैबिनेट मंत्री के भांजे समेत सात गिरफ्तार

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गौतमबुद्धनगरः कोरोना संक्रमितों को देने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर लगातार कालाबाजारी हो रही है। अब ऐसे गिरोह भी सक्रिय हो गये जो कम लागत लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में लोगों को नकली रेमडेसिविर बनाकर बेच रहे है। रविवार को गौतमबुद्धनगर की पुलिस ऐसे ही गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने इनके पास से 9 रेमडेसिविर इंजेक्शन, एक बिना लेबल का इंजेक्शन, 140 नकली लेबल, एक किलो सफेद पाउडर, तीन सेफेपैराजोन इंजेक्शन, दो पैंटाप्रोजोल इंजेक्शन, 5 बीड़ी वेकट्यूनेटर, दो लाख 45 हजार कैश, दो बाइक, एक स्कूटी और प्रिंटिंग का सामान बरामद हुआ है।

पूर्व कैबिनेट का भांजा गिरोह में शामिल
पुलिस ने गिरोह के सात लोगों को सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए अभियुक्तों ने अपने नाम बंटी, अजरुद्दीन व मुसीर निवासी हापुड़, सलमान, शाहरूख निवासी किठौर मेरठ व अब्दुल रहमान निवासी लिसाड़ी गेट मेरठ व दीपांशु निवासी फर्रुखाबाद बताया है। पकड़ा गया मुसीर पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर का भांजा है। वह हीलिंग ट्री अस्पताल इंदिरापुरम गाजियाबाद में इमरजेंसी में ओटी टेक्नीशियन है। जबकि आरोपित सलमान बीफार्मा कर चुका है और एक बायोटेक कंपनी में एमआर है। मुसीर हीलिंग ट्री अस्पताल इंदिरापुरम गाजियाबाद में इमरजेंसी में ओटी टेक्नीशियन है। दीपांशु अब्दुल गाजियाबाद के कोलंबिया अस्पताल में जीएनएम के पद पर कार्यरत है।

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बनाते थे नकली इंजेक्शन
जोन के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में अभियुक्तों ने स्वीकारा कि वे लोग निमोनिया की बीमारी में काम आने वाले इंजेक्शन के पाउडर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाते थे। वे सभी मोरोपैनम इंजेक्शन का जैनरिक इंजेक्शन खरीदकर लाते और उसका लेबल निकालकर उस पर रेमडेसिविर का लेबल चिपका देते थे। आरोपित हापुड़ के पिलखुवा से लेबल पैकिंग प्रिंटिंग कराते थे। गिरफ्तार किया गया बंटी इन लेबल को प्रिंट करता था। वे लोग नकली इंजेक्शन को 35 से 40 हजार रुपये में बेचते थे। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के खिलाफ केस दर्ज किया है।

सरकार के निर्देश-करें सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि कोरोना संक्रमितों को देने वाले जीवन रक्षक दवाएं, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन की कालाबाजारी किसी भी हालत में न होने पाये। ऐसा करने वालों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाये।