कुल्लू: अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव (Kullu Dussehra Utsav) में जहां विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां लगाईं गई हैं, वहीं कृषि विभाग पारम्परिक मोटे अनाजों को जीवन में अपनाने पर बल दे रहा है।
मोटे अनाज अम्लीय रहित होते हैं, ग्लूटेन रहित होते हैं और पाचन में बहुत सहायक होते हैं। इन चीजों को लोकप्रिय करने के लिए विभाग ने इस बार दशहरा में इसकी रेसिपी को लोकप्रिय बनाने के लिए यहां के महिला मंडल और यहां के स्वयं सहायता समूह को ट्रेनिंग दी है। महिला मंडल को और सेल्फ हेल्प ग्रुप को आगे बढ़ावा देने के लिए इस बार प्रदर्शनी मैदान में विभाग ने अपने खर्चे पर उनसे स्टॉल लगाए थे जिनमें लोगों को मिलेट्स की विभिन्न प्रकार की रेसिपीज उपलब्ध करवाई गई, जिनमे कोदरे के सीडू, कोणी की खिचड़ी इत्यादि लोगों परोसी गई।
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कोदरा, चौली, सावन, कंगनी इत्यादि से बने हुए खाद्य पदार्थ के प्रति लोगों का भी रुझान बढ़ रहा है। प्रदर्शनी में परोसे गए कोदरे की चाय, कंगनी का भात एवं खिचड़ी इत्यादि को लोग खासा पसंद किया जा रहा है। परियोजना निदेशक आतमा डा सुशील कुमार ने बताया कि दशहरा उत्सव में कृषि विभाग ने अपने प्रदर्शनी लगाई है जिस प्रदर्शनी में विभाग की स्कीमों के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि यह साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर के रूप में भी मनाया जा रहा है। मिलेट्स से संबंधित भी एक प्रदर्शनी लगाई गई है।
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