EV Charging Stations, नई दिल्ली: भारत में नेशनल हाईवे के किनारे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़कर 5,293 हो गई है। वहीं, सरकार ने अब 7,432 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 5,833 हाईवे के किनारे स्थापित किए जाएंगे। यह जानकारी बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि तीनों सरकारी तेल वितरण कंपनियों को 7,432 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता दी जाएगी। मौजूदा 5,293 ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से 4,729 पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत स्थापित किए गए हैं, जिन पर करीब 178 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
7 से ज्यादा EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य
गडकरी ने अपने बयान में कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने 7,432 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 5,833 ईवी चार्जिंग स्टेशन राजमार्गों के किनारे स्थापित किए जाएंगे। ये चार्जिंग स्टेशन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाली तीन तेल वितरण कंपनियों के माध्यम से स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन को बिजली देने के लिए कोई बिजली स्टेशन बनाने की कोई योजना नहीं बनाई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 750 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 577, राजस्थान में 482, तमिलनाडु में 369, कर्नाटक में 300 और हरियाणा में 284 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं।
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500 करोड़ रुपये की योजना
ग्रीन मोबिलिटी और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई है। 500 करोड़ रुपये की यह योजना 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक लागू की गई है। इस योजना के लिए 493.55 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इससे 3,72,215 इलेक्ट्रिक वाहनों के घरेलू विनिर्माण को समर्थन मिलेगा। इस योजना में प्रोत्साहन का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। वित्त वर्ष 2025 में दोपहिया वाहन उद्योग 7 से 9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। केयरएज रेटिंग्स के अनुसार, सरकार की ईएमपीएस योजना के कारण चालू वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि जारी रहेगी।