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यूपी के कुशीनगर में विकसित हो रहा यूरोपियन शैली का 'टाउनशिप'

कुशीनगर: चीन, जापान, थाईलैंड, म्यांमार समेत दुनिया भर के बौद्ध अनुयाइयों के प्रिय शहर कुशीनगर में यूरोपियन शैली की भी झलक देखने को मिल रही है। 21 एकड़ क्षेत्र में बन रहे यूरोपियन शैली के टाउनशिप 'एरोसिटी' को बुद्धस्थली में निजी क्षेत्र का पहला मेगा प्रोजेक्ट होने का गौरव हासिल हुआ है।

दरअसल, यहां लांच हो रहे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की कई सम्भावनाएं पैदा कर दी है। एयरपोर्ट के चलते नोयडा व गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों के डेवलपर्स भी यहां आकर्षित हुए हैं। एरोसिटी टाउनशिप के डेवलपमेंट में गुरुग्राम की एक कम्पनी की साझेदारी है।

एरोसिटी इको फ्रेंडली आवासीय योजना के तहत छोटे-बड़े 160 अदद भूखण्ड बस रही है। भूखण्ड पर बनने वाले भवनों का वास्तु पूरी तरह यूरोपियन होगा। परिसर में एक इन्टरनेशनल लेवल का स्कूल द मिलेनियम, एक फाइव स्टार रिसार्ट भी डेवलप हो रहा है। 60 फीट चौड़ी टू लेन सड़के, खूबसूरत लैंडस्केपिंग, जगमगाते विक्टोरियन स्ट्रीट लाइट, पाम वृक्षों की कतार, मनोरम पार्क, बाजार, पार्किंग, इनडोर गेम, स्विमिंग पुल, सिक्योरिटी, हीलिंग सेंटर यानी एरोसिटी एक पूर्ण विकसित टाउनशिप की सभी अंतरराष्ट्रीय मानक पूरी कर रहा है। 5वीं शदी की बुद्ध की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा समेटे महापरिनिर्वाण मन्दिर से 06 किमी व अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 04 किमी की दूरी पर स्थित एरोसिटी जनसामान्य की चर्चा के केंद्र में है।

यूपी के पूर्वांचल व बिहार के पश्चिमांचल के जिलों यानी एक पूरे प्रदेश के भीतर देखें तो इस तरह का अभिनव प्रयोग अभी कहीं देखने को नहीं मिला है। यूं तो इस मेगा प्रोजेक्ट की लांचिंग का श्रेय कुशीनगर के पूर्व सांसद राजेश पांडेय को जाता है। किंतु प्रोजेक्ट की कमान पूरी तरह से उनके पुत्र रुचिर पांडेय के हाथों में है। बालीबुड में हाथ आजमा चुके रुचिर पांडेय टाउनशिप डेवलपमेंट के क्षेत्र में मजे हुए हैं। कुशीनगर में यूरोपियन शैली का टाउनशिप डेवलप करना उनका सपना था। अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट ने राह आसान की।

रुचिर के शब्दों में "अपने शहर और अपने लोगों के लिए कुछ कर पाना एक अलग तरह का सकून देता है। दादा पूर्व केंद्रीय मंत्री प.राजमंगल पांडेय ने इलाके के विकास व लोगों को रोजगार मुहैया कराने की जो परम्परा शुरू की उसे आगे बढायेंगे"।