नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शनिवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। पिछले वित्त वर्ष (2020-21) बचत पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत बनाए रखा गया था, लेकिन इसे मौजूदा वर्ष के लिए कम किया गया है।
ईपीएफओ सरकारी सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक है और लाखों वेतनभोगी मध्यम वर्गीय भारतीयों के लिए एक लोकप्रिय बचत योजना है। इसके न्यासी बोर्ड की 230वीं बैठक शनिवार को श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में गुवाहाटी में हुई। मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर 8.10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की है। ब्याज दर आधिकारिक तौर पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित की जाएगी जिसके बाद ईपीएफओ अपने ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा।
यह भी पढ़ेंः-गेब्रियल बोरिक ने रचा इतिहास, इस देश के सबसे कम उम्र…
ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक किसी कर्मचारी के मूल वेतन का कम से कम 12 प्रतिशत भविष्य निधि में जमा करने के लिए अनिवार्य रूप से काटा जाना चाहिए। वहीं नियोक्ता अन्य 12 प्रतिशत का सह-योगदान करेगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)