ऊर्जा मंत्री ने कहा- भ्रष्टाचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं, होगी सख्त कार्रवाई

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ak-sharma

लखनऊ: राज्य के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के निर्देश पर आगरा जिले के दो प्रभारी उपयंत्रियों, प्रवर्तन दल के 02 उपनिरीक्षकों और एक मुख्य आरक्षी को उपभोक्ता से रिश्वत लेने के मामले में प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल द्वारा प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया। उपभोक्ता द्वारा की गई रिश्वत लेने की शिकायत पर आगरा पुलिस ने इरादतनगर के प्रभारी अवर अभियंता सौरभ कुमार व हृदय कुमार को उपभोक्ता से वसूली गई 35 हजार रुपये की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया।

उपभोक्ता का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं

ऊर्जा मंत्री ने भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के लिए उपभोक्ता हित सर्वोपरि है। किसी भी रूप में उपभोक्ता उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं को परेशान करने और एफआईआर का डर दिखाकर उपभोक्ताओं से अवैध पैसा वसूलने से संबंधित मामलों की जांच की जायेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने सभी डिस्कॉम के एमडी को उपभोक्ताओं की शिकायतों का संज्ञान लेने और ऐसे मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति मुहैया कराने के लिए बिजली व्यवस्था के पुराने ढांचे में तेजी से बदलाव कर रही है। फिर भी विभाग की छवि धूमिल करने और राजस्व की क्षति पहुंचाने वालों के साथ ही बिजली चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए सभी विद्युत कर्मी अपने-अपने क्षेत्र में तत्परता से कार्य करें। किसी भी विद्युत व्यवधान की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

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क्या है पूरा मामला

घटना यह है कि 17 अक्टूबर को आगरा जिले के इरादतनगर के मिहावा के प्रभारी अवर अभियंता सौरभ कुमार, बृथला के प्रभारी अवर अभियंता हृदय कुमार और उप अवर अभियंता रजनेश सिंह और बिजेंद्र सिंह-दक्षिणांचल आगरा जिले के प्रवर्तन दल के निरीक्षक एवं मुख्य आरक्षी सोनू प्रताप द्वारा उपभोक्ता मनोज कुमार त्यागी, निवासी ग्राम व पोस्ट मिहावा, इरादतनगर, आगरा के परिसर पर चेकिंग की गई। टीम ने बिजली चोरी पकड़ी तो चेकिंग रिपोर्ट और शिकायत दर्ज न करके उपभोक्ता से 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई और एफआईआर का डर दिखाकर उपभोक्ता से 35 हजार रुपये की वसूली की गई। उपभोक्ता ने इसकी शिकायत दक्षिणांचल के प्रबंध निदेशक से की, जिस पर प्रबंध निदेशक ने तुरंत मुख्यालय से एक टीम गठित कर जांच के निर्देश दिये। गठित टीम ने कमला नगर स्थित प्रवर्तन दल के कार्यालय से प्रभारी अवर अभियंता सौरभ कुमार व हृदय कुमार को उपभोक्ता द्वारा दिए गए 35 हजार रुपये के साथ बनाई गई फर्जी चेकिंग रिपोर्ट जब्त कर ली।

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