G-20 शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में महिला सशक्तिकरण पर जोर, नया वर्किंग ग्रुप बनाने पर सहमति

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नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को सर्वसम्मति से अपनाया गया। इतिहास में यह पहली बार है कि किसी भी सदस्य देश ने घोषणा पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। घोषणा पत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए नया कार्य समूह बनाने पर सहमति जताई गई है।

यह घोषणा, कई जी-20 महिला मंत्रिस्तरीय बैठकों के साथ मेल खाते हुए, लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण पर जोर देती है। इसके साथ ही महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। लैंगिक समानता लाने में निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना, जलवायु परिवर्तन शमन में महिलाओं की भूमिका बढ़ाना, वैश्विक जीडीपी वृद्धि में योगदान देने में उनकी भूमिका बढ़ाना और श्रम अंतर को कम करना शामिल है। जी-20 रोडमैप में महिलाओं के लिए अवसर बढ़ाने, लैंगिक वेतन अंतर को कम करने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है। इसके साथ ही यौन हिंसा और उत्पीड़न समेत लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

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घोषणापत्र में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने पर भी जोर दिया गया है। इसमें उन्हें सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए सशक्त बनाना, आर्थिक संसाधनों, विशेष रूप से डिजिटल वित्तीय प्रणालियों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना और सूक्ष्म वित्त में उनकी भागीदारी बढ़ाना शामिल है। इसके साथ ही घोषणापत्र के तहत वर्ष 2030 तक लिंग अंतर को आधा करने के लिए प्रतिबद्ध किया गया है। जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि, मरुस्थलीकरण और प्रदूषण के सभी महिलाओं और लड़कियों पर पड़ने वाले असंगत प्रभाव को स्वीकार करते हुए, जलवायु में तेजी लाने पर जोर दिया गया है।

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