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फिर महंगी हुई बिजली, अब उपभोक्ताओं को चुकाना होगा इतना बिल

Madhya Pradesh electricity
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जयपुरः राजस्थान डिस्कॉम ने प्रदेश में दीपावली का त्योहार निकलते ही फ्यूल सरचार्ज का झटका बिजली उपभोक्ताओं को दे दिया है। साल 2021-22 के थर्ड क्वार्टर यानी अक्टूबर-नवम्बर और दिसम्बर 2021 के लिए उपभोक्ताओं पर 21 पैसे प्रति यूनिट की रेट से बिजली बिलों में राशि वसूल की जाएगी। सिर्फ कृषि उपभोक्ताओं पर यह फ्यूल सरचार्ज नहीं लगेगा। दूसरी तरफ दीपावली के तुरंत बाद प्रतिदिन बिजली का पीक लोड करीब 12500 मेगावाट पहुंच गया है। जबकि, बिजली की उपलब्धता करीब 10500 मेगावाट के बीच है। करीब 2000 मेगावाट बिजली अधिकतम मांग से कम है। बिजली कंपनियां घोषित-अघोषित रूप से फिर से नवंबर की शुरुआत से बिजली कटौती शुरु कर सकती हैं। गांव-कस्बों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी बिजली कटौती की शुरुआत की जा सकती है।

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बिजली डिस्कॉम बिजली सप्लाई के लिए अलग-अलग सोर्सेज से राजस्थान स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन की ओर से तय फिक्स्ड और वैरिएबल कॉस्ट की रेट पर बिजली खरीदता है। कमीशन की ओर से तय रेट्स पर बिजली कन्ज्यूमर्स की कैटेगरी के हिसाब से चार्ज की वसूली की जाती है। फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी, टैक्स और सरचार्ज की रेट में बदलाव, रेल और मालभाड़े में बढ़ोतरी के कारण बिजली प्रोडक्शन की रेट में बदलाव होता है। अलग-अलग बिजली प्रोडक्शन सेंटर्स या पावर प्लांट से वास्तविक प्रोडक्शन लागत के मुताबिक बिजली की वैरिएबल कॉस्ट बाद में मिलती है।

जिसकी वसूली बिजली उपभोक्ताओं से बाद में की जाती है। यह फ्यूल सरचार्ज साल 2012-2013 से नियमित तीन महीने के आधार पर बिजली बिलों के जरिए वसूल किया जा रहा है। अभी 2021 के अक्टूबर से दिसंबर तक का फ्यूल सरचार्ज वसूलने का फैसला हुआ है। वर्ष 2022 का अक्टूबर निकलने को है। एक साल का फ्यूल सरचार्ज पेंडिंग चल रहा है। जो आगे आने वाले महीनों में बिजली उपभोक्ताओं को झटका देता रहेगा। यानी बिलों से फ्यूल सरचार्ज की वसूली होती रहेगी।

बिजली विभाग के प्रमुख शासन सचिव और डिस्कॉम्स चेयरमैन भास्कर ए. सावंत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही-अक्टूबर 2021 से दिसम्बर 2021 के लिए आरईआरसी की तय कैल्कुलेशन के आधार पर बिजली उपभोक्ताओं से वसूली जाने वाली फ्यूल सरचार्ज की राशि 21 पैसे प्रति यूनिट तय की गई है। यह राशि पिछली तिमाही यानी जुलाई, 2021 से सितम्बर 2021 के बिजली उपभोग पर वसूली जाएगी। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर कनेक्शन के अलावा बाकी उपभोक्ताओं पर इसका भार आएगा। फ्यूल सरचार्ज राशि को दो समान किस्तों में नवम्बर और दिसम्बर 2022 के बिजली बिलों के जरिए वसूल किया जाएगा। जबकि कृषि श्रेणी में लगने वाले फ्यूल सरचार्ज के पैसे को राजस्थान सरकार भरेगी। प्रदेश में 1 करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से 15.70 लाख कृषि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज नहीं लगेगा। बाकि 1 करोड़ 31 लाख 30 हजार उपभोक्ताओं पर यह फ्यूल सरचार्ज लगेगा।

दूसरी तरफ कटौती की तैयारी

दीपावली का त्योहार गुजरने के बाद फिर से बिजली की मांग बढ़ गई है। इंडस्ट्रीज और फैक्ट्रियां अब वापस खुल गई हैं। शहरों, गांवों, कस्बों में अपने-अपने घर-परिवार के साथ त्योहार की छुट्टियां बिताने गए कर्मचारी और लेबर फिर से काम पर लौटने लगे हैं। खेत-खलिहानों में भी नवंबर से फरवरी तक रबी का फसली सीजन आ गया है। इसलिए सिंचाई के लिए पम्प, ट्यूबवेल-मोटर चलाने के लिए बिजली की जरूरत पड़ने लगी है। रबी सीजन के दौरान बिजली की अधिकतम डिमांड 16500 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। घरेलू कनेक्शनों में भी पानी गर्म करने, नहाने-धोने के लिए पावर कंजम्पशन करने वाले गीजर का इस्तेमाल शुरू हो गया है। इसलिए बिजली डिस्कॉम ने त्योहारी सीजन के तुरंत बाद बिजली मैनेजमेंट की प्लानिंग शुरू कर दी है।

प्रदेश के अलग-अलग बिजली घरों में पॉवर प्रोडक्शन की 2427 मेगावाट कैपेसिटी की 10 यूनिट बंद हैं। सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन की 1, 3, 5 और 6 नम्बर की 250-250 मेगावाट की चार यूनिट ठप पड़ी हैं। इनमें से तीन यूनिट एक-एक कर 15, 16 और 20 अक्टूबर को बंद हुई हैं। सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट की 8 नम्बर यूनिट भी 16 अक्टूबर से ठप है। कोटा थर्मल की 3 नम्बर की 210 मेगावाट यूनिट 8 अगस्त से ही बंद चल रही है।

छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 3 नम्बर की 250 मेगावाट यूनिट 24 अक्टूबर से बंद है। सिस्टम के मेंटीनेंस के नाम पर इसे बंद किया गया है। राजवेस्ट की 1 नम्बर की 135 मेगावाट की यूनिट बेड मेटेरियल लीकेज के कारण 24 अक्टूबर से बंद करनी पड़ी है। राजवेस्ट की 3 नम्बर की 135 मेगावाट यूनिट 19 अक्टूबर से पहले ही बंद है।रामगढ़ जीटी-2 की 37.50 मेगावाट यूनिट भी 10 दिसंबर 2021 से ठप पड़ी है। राजस्थान में अलग-अलग पावर प्लांट्स में 1 से 6 दिन का ही कोयला स्टॉक बचा है,जो बेहद कम है। 26 दिन तक का कोयला फ्यूल के तौर पर मेंटेन होना चाहिए।

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