सीएम की फटकार के बाद हरकत में आया बिजली विभाग, आपूर्ति व्यवस्था सुधारने की हो रही कवायद

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लखनऊः राज्य में बढ़ती गर्मी के साथ ही बिजली की बढ़ती मांग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद बिजली विभाग के अधिकारी व्यवस्था सुधारने में जुटे हुए हैं। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा खुद बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं। इसके बावजूद बिजली आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही है। स्थिति ऐसी है कि कब, कहां और कितने समय तक बिजली गुल हो जाए, कोई नहीं जानता। इससे लोग परेशान हैं।

पिछले साल जून के महीने में बिजली की मांग उस वक्त तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। तब यह मांग सबसे ज्यादा 26369 मेगावाट थी। और इस साल यही मांग 27611 मेगावाट पर पहुंच गई है। सौभाग्य से, इस वर्ष सरकार ने बिजली के लिए बैकिंग व्यवस्था पहले ही कर ली है। इस वजह से अब तक बिजली की कोई कमी नहीं थी और न ही महंगी बिजली खरीदनी पड़ी थी। उपकेन्द्रों की क्षमता बिजली की मांग से कम होने के कारण स्थानीय स्तर पर फाल्ट अधिक आ रहे हैं। इससे परेशानी बढ़ गई है।

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इस संबंध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि समय पर मरम्मत के साथ-साथ उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे यह समस्या हुई। सब स्टेशन, ट्रांसफार्मर की मरम्मत का काम जनवरी माह में ही शुरू हो जाए, तब जाकर इस पर काबू पाया जा सकता है। बिजली आपूर्ति का कार्य बेहद कठिन हो गया तो शनिवार को स्थानीय स्तर पर एक करोड़ रुपये तक खर्च करने का अधिकार दिया गया। यह अधिकार बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। इससे छोटे-छोटे कार्यों को तत्काल प्रभाव से निपटाने में आसानी होती है।

वहीं पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज का कहना है कि बिजली की अधिक मांग के बावजूद सभी अधिकारी व कर्मचारी अपना सर्वस्व देकर व्यवस्था को सुचारु रूप से चला रहे हैं। हम सिस्टम को और भी कारगर बनाने में सक्षम हैं। जो भी छोटी-छोटी समस्याएं हैं, उन्हें युद्धस्तर पर काम कर दूर किया जा रहा है। उपभोक्ता को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

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