लखनऊ: लोकसभा के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनावी हलचल भी तेज है, लेकिन गांधी परिवार के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है। वहीं राज्यसभा सदस्य बनने के चलते सोनिया गांधी पहले ही ऐलान कर चुकी हैं कि वह रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी। अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने की घोषणा न तो प्रियंका गांधी ने की है और न ही राहुल गांधी ने। दूसरी ओर, बीजेपी ने अभी तक मेनका गांधी और वरुण गांधी के लिए पीलीभीत और सुल्तानपुर में चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
बेटे के लिए अभी तक नहीं किया ऐलान
पहले चरण में पीलीभीत में चुनाव होना है। मेनका गांधी 1989 से 2004 तक लगातार पांच बार वहां सांसद रहीं। 2009 में पहली बार उन्होंने अपने बेटे वरुण गांधी के लिए पीलीभीत छोड़ दिया। 2014 में मेनका फिर से पीलीभीत से सांसद बनीं। इसके बाद 2019 में वह फिर से अपने बेटे के लिए पीलीभीत छोड़कर सुल्तानपुर आ गईं। 2017 से ही वरुण गांधी ने बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। इसके चलते स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश स्तर से भी उनके खिलाफ आवाजें आ रही हैं।
इसी वजह से बीजेपी ने अभी तक पीलीभीत से अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि, वरुण गांधी ने नामांकन पत्र मंगाया है। अब उनके चुनाव पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही लेंगे। वे अपना दांव लगाएंगे, तभी वरुण को टिकट मिल सकता है। वहीं मेनका गांधी चाहती हैं कि पहले उनके बेटे का टिकट पक्का हो जाए, उसके बाद ही वह फैसला लेंगी कि चुनाव लड़ना है या नहीं।
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वहीं, कांग्रेस के राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने पर भी संशय बना हुआ है। अभी तक प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी यहां से आने या न आने पर कोई फैसला नहीं लिया है। इसे लेकर गांधी परिवार के समर्थक भी असमंजस की स्थिति में हैं।
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