शंकर संग्रहालय में देख सकेंगे आचार्य का जीवन-दर्शन, बैठ सकेंगे 500 लोग

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भोपाल: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर की नगरी में “एकात्म धाम” (Ekatma Dham) सनातन धर्म के पुनरुद्धारकर्ता, सांस्कृतिक एकता के दूत ‘आचार्य शंकर’ (आदि शंकराचार्य) के जीवन और दर्शन को समर्पित है। आचार्य शंकर के दर्शन को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। अद्वैत लोक के शंकर संग्रहालय में, अद्वैत वेदांत दर्शन के विभिन्न मूल्यों को पेश करने के लिए नई प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाएं विकसित की गई हैं। एकात्म धाम के आकर्षण का मुख्य केंद्र शंकर संग्रहालय होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितंबर को ओंकारेश्वर के एकात्म धाम (Ekatma Dham) में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को अपने निवास पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अनावरण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 21 सितंबर को ओंकारेश्वर में आयोजित होने वाला “स्टैच्यू ऑफ वननेस” का अनावरण कार्यक्रम पूरी गरिमा, भव्यता और दिव्यता के साथ किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में शामिल होने वाले देश के सभी प्रमुख साधु-संतों का पारंपरिक स्वागत किया जाए। बरसात के मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन कार्यक्रम स्थल एवं यातायात व्यवस्था के संबंध में विशेष रूप से संवेदनशील एवं सतर्क रहे तथा बिन्दुवार योजना बनायें।

शंकर संग्रहालय में बैठ सकेंगे 500 लोग

जनसंपर्क अधिकारी अनुराग उइके ने बताया कि एकात्म धाम (Ekatma Dham) में बनने वाले शंकर संग्रहालय में हाई स्क्रीन थिएटर होगा, जिसमें 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें आचार्य शंकर के जीवन एवं दर्शन पर आधारित फीचर फिल्म ”शंकर” प्रदर्शित की जायेगी। संग्रहालय में वेदांत व्याख्या के लिए “सृष्टि” गैलरी विकसित की जाएगी। संग्रहालय के श्री यंत्र प्रांगण में प्रतिदिन लेजर, प्रकाश, जल एवं ध्वनि शो का प्रदर्शन किया जाएगा। ब्रह्मा, सृष्टि, माया, जीव और जगत आदि के सिद्धांतों को 3डी होलोग्राम और अन्य आधुनिक तकनीक के माध्यम से रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। शो के दौरान प्रतिमा, पेडस्टल, हंसद्वार, श्री यंत्र, ओम स्तंभ और शिखर पर प्रोजेक्शन मैपिंग भी की जाएगी। संग्रहालय के एक विशेष कक्ष में डायरैमा के माध्यम से आचार्य शंकर के जीवन पर आधारित 5 से 7 मिनट के दृश्य प्रस्तुत किये जायेंगे।

निदिध्यासन केंद्र और नर्मदा विहार

शंकर संग्रहालय में ध्यान केंद्र के रूप में निदिध्यासन केंद्र स्थापित किया जाएगा। 300 लोगों की क्षमता वाले इस केंद्र का मुख्य विचार बिंदु अहं ब्रह्मास्मि होगा। इस केंद्र की मुख्य गतिविधियाँ ध्यान, श्रवण, चिंतन और निदिध्यासन आदि की विचार प्रक्रिया पर आधारित होंगी। पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण के रूप में शंकर संग्रहालय के निचले तल पर नर्मदा विहार का निर्माण किया जाएगा। इसमें पर्यटक स्वचालित नावों के जरिए नौकायन कर सकेंगे।

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आर्ट गैलरी और शंकर स्तम्भ

आचार्य शंकर के जीवन, दर्शन एवं कृतित्व पर आधारित देश के प्रसिद्ध चित्रकारों द्वारा केरल भित्ति चित्र, पट्टचित्र, कांगड़ा, मधुबनी, कंटेम्परेरी आदि विभिन्न शैलियों में चित्र बनाए जा रहे हैं, जिन्हें आर्ट गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नीचे मुख्य भवन में एक विशाल शंकर स्तंभ होगा। शंकर स्तंभ 45 फीट ऊंचा होगा और इसका व्यास लगभग 100 फीट होगा। शंकर स्तंभ पर आदि शंकराचार्य के जीवन की 32 घटनाएं प्रदर्शित की जाएंगी।

अन्नपूर्णा भोजनालय

अन्नपूर्णा रेस्तरां संग्रहालय के पूर्व में स्थित होगा, जिसमें भवन के अंदर 300 से 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी और बाहर 700-1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बैठने की व्यवस्था पारंपरिक और आधुनिक दोनों शैली में होगी। अन्नपूर्णा आने वाले सभी आगंतुकों के लिए विशेष व्यंजन “अद्वैतभोग” की भी व्यवस्था होगी, जो उचित मूल्य पर सभी को उपलब्ध होगा। मध्य प्रदेश के मुख्य व्यंजनों के साथ-साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विशेष व्यंजन भी उपलब्ध होंगे।

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