बेगूसरायः बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित मैट्रिक की परीक्षा के कदाचार मुक्त संचालन की सारी कवायद कागजी साबित होकर रह गई हैं। प्रत्येक दिन परीक्षार्थी प्रश्नों का उत्तर तैयार करके ही परीक्षा कक्ष में प्रवेश कर रहे हैं। शनिवार को भी होने वाली अंग्रेजी की परीक्षा का प्रश्न-पत्र हजारों बच्चों के मोबाइल पर आ गया और परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्रों के आसपास ही भीड़ जुटाकर परीक्षार्थियों के अभिभावक उसका उत्तर खोजते रहे लेकिन इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की टीम कहीं नजर नहीं आई।
शुक्रवार को सामाजिक विज्ञान के परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट होने के बाद जब परीक्षा रद्द कर दी गई तो लगा था कि शनिवार को होने वाली परीक्षा से पूर्व कहीं से प्रश्नपत्र बाहर नहीं निकलेगा लेकिन धड़ल्ले से प्रश्न पत्र मोबाइल के सहारे परीक्षा से एक घंटा पहले ही परीक्षार्थियों तक पहुंच गया। इस संबंध में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा शुरू होने के बाद ही पता चलेगा कि बाहर निकला प्रश्नपत्र सही था या गलत लेकिन जिस तरीके से प्रत्येक दिन परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले ही प्रश्न पत्र मोबाइल पर पहुंच रहा है, इससे स्पष्ट हो रहा है कि कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन की सारी कवायद फेल हो चुकी है।
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सूत्रों के अनुसार निजी कोचिंग संचालकों का रैकेट अपने परीक्षार्थियों को उच्चतम अंक दिलाने के लिए विभिन्न जगहों पर सेटिंग कर रखा है। जहां से उन्हें परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र उपलब्ध करवा दिया जाता है। इसके बाद व्हाट्सएप के सहारे सभी परीक्षार्थियों तक प्रश्नपत्र पहुंचा दिए जाते हैं, ताकि उत्तर तैयार कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करें।