Friday, December 27, 2024
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Homeफीचर्डमुस्लिम लड़कियों के लिए प्राथमिकता हिजाब नहीं, शिक्षा होनी चाहिए: सर्वे

मुस्लिम लड़कियों के लिए प्राथमिकता हिजाब नहीं, शिक्षा होनी चाहिए: सर्वे

नई दिल्लीः हिजाब विवाद के बीच एक नई बहस ने जन्म लिया है। शिक्षा और हिजाब, इनमें से प्राथमिकता क्या होनी चाहिए, इस पर लोगों की अपनी अलग-अलग राय है। हालांकि अधिकतर लोग कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत होते हुए अपनी राय रख रहे हैं कि मुस्लिम लड़कियों को उनके स्कूल या कॉलेज प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का ही पालन करना चाहिए। अधिकांश भारतीयों ने यह भी कहा कि शिक्षा एक बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। आईएएनएस-सीवोटर स्नैप पोल में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी मिली है। सर्वेक्षण के दौरान 1,508 लोगों से बातचीत की गई।

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फैसला सुनाए जाने और देश भर में खबर फैलने के तुरंत बाद इस मुद्दे पर आईएएनएस-सीवोटर द्वारा किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के दौरान यह खुलासा हुआ। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि हिजाब की अनुमति न होने पर भी मुस्लिम लड़कियों को स्कूल और कॉलेजों में जाना चाहिए, 66 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने हां कहा, जबकि 27 प्रतिशत ने इस बात से असहमति जताई। इस मुद्दे पर लगभग 5 प्रतिशत की कोई राय नहीं थी। एनडीए के साथ-साथ विपक्षी समर्थकों की राय में भी उल्लेखनीय समानता देखने को मिली। एनडीए के 67.4 प्रतिशत मतदाताओं ने इस कदम का समर्थन किया, जबकि 65.2 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने भी इस कदम का समर्थन किया। परंपरागत रूप से, मुस्लिम लड़कियों को विशेष रूप से हाई स्कूल के दौरान और बाद में आधुनिक शिक्षा से वंचित रखा गया है। इससे देश में उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस मुद्दे पर भी, एक स्पष्ट बहुमत ने इस स्थिति के लिए समुदाय में निहित स्वार्थों को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि प्रतिक्रियाएं अधिक पक्षपातपूर्ण लाइनों के साथ रहीं।

एनडीए के 71 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने समुदाय में निहित स्वार्थों को दोषी ठहराया, जबकि विपक्षी मतदाताओं के बीच यह आंकड़ा तेजी से घटकर 52.4 प्रतिशत रह गया। जहां एनडीए के 10.5 फीसदी समर्थकों ने कहा कि एक उदासीन सरकार जिम्मेदार है, वहीं 22.5 फीसदी विपक्षी मतदाताओं ने सरकार को दोषी ठहराया। इसके अलावा एनडीए के लगभग 4 प्रतिशत मतदाताओं ने महसूस किया कि हिंदुत्व की बढ़ती आक्रामकता ने मुस्लिम लड़कियों को स्कूल जाने से हतोत्साहित किया, जबकि 10.5 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने इस बात का समर्थन किया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब हिजाब के समर्थक याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।

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