ED का दावा: नियुक्त भ्रष्टाचार का जाल बंगाल के 17 जिलों में है फैला

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कोलकाता: राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इसमें कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। इसमें केंद्रीय एजेंसी ने यह भी बताया है कि प्रदेश के 17 जिलों में भ्रष्टाचार का जाल फैला हुआ था। बता दें कि यह दावा गिरफ्तार टीएमसी से निष्कासित नेता शांतनु बनर्जी के घर से बरामद दस्तावेजों के आधार पर किया गया है।

ईडी द्वारा सोमवार को शहर की सत्र अदालत में पेश की गई चार्जशीट में यह सूची दी गई है। इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार का जाल उत्तर से लेकर दक्षिण बंगाल तक एक विस्तृत क्षेत्र में बुना हुआ था। सूची में उत्तर बंगाल में कूच बिहार, मालदह, जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर के साथ-साथ हुगली, नदिया, बर्दवान, बांकुरा, बीरभूम, पुरुलिया, मुर्शिदाबाद, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना और कोलकाता शामिल हैं। हैं। बीरभूम में प्राथमिक शिक्षक के लिए आवेधन करने वाले आवेदकों की संख्या सबसे ज्यादा है। 346  लोगों की सूची में 148 नौकरी चाहने वाले बीरभूम के रहने वाले है।

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सूची में अगला मुर्शिदाबाद है। इसके बाद मालदा, कूचबिहार, बर्दवान, उत्तर दिनाजपुर, पुरुलिया संख्या के मामले में हैं। दक्षिण 24 परगना में सबसे कम उम्मीदवार हैं। वहां से केवल एक उम्मीदवार ने नौकरी के लिए शांतनु से संपर्क किया। चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि जब शांतनु से लिस्ट के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि बीरभूम के सुखेन राणा व मुर्शिदाबाद के सुजल अंसारी से सूची उनके कार्यालय में आई थी। हालांकि, शांतनु ने ईडी को बताया कि इन दोनों एजेंटों के साथ उनका संचार एक अन्य निष्कासित तृणमूल नेता कुंतल घोष के माध्यम से हुआ था। शांतनु ने ईडी को बताया कि कुंतल का फ्लैट सिटी सेंटर 2 के पास उज्ज्वला अपार्टमेंट में था, जहां उसकी बातचीत हुई थी।

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