ईडी का दावा, 77 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं अणुव्रत मंडल, ड्राइवर-नौकर के नाम भी खरीदी जमीन

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कोलकाता: पशु तस्करी मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अणुव्रत मंडल पर ईडी ने कई दावे किए हैं। केंद्रीय एजेंसी द्वारा दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर चार्जशीट में दावा किया गया है कि मंडल कुल 77 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक हैं। अणुव्रत मंडल ने अपने ड्राइवर व नौकर के नाम भी जमीन खरीदी है।

ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि घरेलू सहायिका विद्युत वरण के नाम से पशु तस्करी से जुड़े पैसों को सफेद करने के लिए एक बैंक खाता खोला गया था और वही उनकी बेटी सुकन्या  मंडल को भी नामजद किया गया था। विद्युत वरण को 15 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता था लेकिन उनके नाम पर 7 करोड़ 71 लाख रुपये की जमीन खरीदी गई. राइस मिल में काम करने वाले एक अन्य नौकर विजय रजक के नाम से भी एक खाता खोला गया है, जिसमें करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। एजेंसी का दावा है कि अनुव्रत मंडल द्वारा बोलपुर के विभिन्न तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम पर बेनामी खाते भी खोले गए थे जिसमें पशु तस्करी से प्राप्त राशि को काले से सफेद में परिवर्तित कर दिया गया था।

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एजेंसी का दावा है कि काले धन को सफेद करने के लिए 10 से 12 बार लॉटरी जीतने का ड्रामा भी किया गया, जबकि लॉटरी अणुव्रत के नाम पर कभी नहीं हुई. मंडल के नाम पर 48 करोड़ छह लाख से अधिक की संपत्ति है, जिसे पशु तस्करी के एवज में प्राप्त राशि से खरीदा गया है. अपने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए, उन्होंने आसानी से मवेशियों से लदे ट्रकों को पश्चिम बंगाल की सीमा से गुजरते हुए बांग्लादेश सीमा पार करवा दिया। इस पैसे से पिछले साल दिसंबर में अणुव्रत ने कुल 29 करोड़ 50 लाख और संपत्तियां खरीदीं। कुल मिलाकर ईडी को अणुव्रत के नाम पर 77 करोड़ 26 लाख रुपये की संपत्ति मिली है. जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए इस रकम का ज्यादातर हिस्सा बेटी, नौकर, ड्राइवर के नाम पर जमीन, राइस मिल व अन्य संस्थानों को खरीदने में लगाया गया।

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