शिमला: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भूकंप (earthquake in Himachal Pradesh) से कई बार धरती हिल चुकी है। राज्य में पिछले तीन महीनों के भूकंप के आंकड़े डराने वाले हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जून, जुलाई और अगस्त महीने में हिमाचल में 15 बार भूकंप (earthquake in Himachal Pradesh) आ चुका है।
लोगों ने ये झटके महसूस किए हैं। हालांकि ज्यादातर बार भूकंप (earthquake in Himachal Pradesh) की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 3 से 4 के बीच ही रही। पिछले तीन महीने के भूकंप के आंकड़ों पर नजर डालें तो जून महीने में तीन, जुलाई महीने में आठ और अगस्त महीने में चार भूकंप आए थे। सबसे ज्यादा भूकंप चंबा जिले और इसके आसपास के इलाकों में आए।
जुलाई में सबसे ज्यादा भूकंप राज्य में
हैरान करने वाली बात ये है कि देश में जुलाई महीने में सबसे ज्यादा भूकंप (earthquake in Himachal Pradesh) हिमाचल में दर्ज किए गए। जुलाई में देश में 57 भूकंप आए, जिनमें से सबसे ज्यादा आठ भूकंप हिमाचल में आए, जबकि जम्मू-कश्मीर में तीन और उत्तराखंड में सात भूकंप आए। हिमाचल से सटे पड़ोसी पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के आंकड़े ज्यादा भयावह हैं। पिछले तीन महीनों में उत्तराखंड में 25 और जम्मू-कश्मीर में 16 भूकंप आए।
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मई में मिली हिमाचल को राहत
अगस्त में जहां हिमाचल में चार बार भूकंप (earthquake in Himachal Pradesh) आए, वहीं जम्मू-कश्मीर में तीन बार और उत्तराखंड में 15 बार भूकंप आए। जून महीने में हिमाचल और उत्तराखंड में तीन-तीन बार भूकंप आए, जबकि जम्मू-कश्मीर में 10 बार भूकंप आए। मई का महीना हिमाचल के लिए राहत भरा रहा, इस महीने कोई भूकंप नहीं आया, जबकि उत्तराखंड में सात और जम्मू-कश्मीर में एक बार भूकंप आया।
संवेदनशील जोन चार और पांच में शामिल है प्रदेश
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in Himachal Pradesh) के लिहाज से संवेदनशील जोन चार और पांच में शामिल है। राज्य में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके आते रहे हैं। वर्ष 1905 में कांगड़ा और चंबा जिलों में आए विनाशकारी भूकंप में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप पृथ्वी की एक सामान्य भूवैज्ञानिक हलचल है, जो लगातार होती रहती है। 1 से कम तीव्रता के भूकंप अधिक बार आते हैं, लेकिन वे महत्वहीन होते हैं और अध्ययन में शामिल नहीं होते हैं।
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