नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप (Turkey Earthquake) ने भारी तबाही मचाई है। सोमवार को रिक्टर पैमाने पर 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के भूकंप ने कई अन्य देशों को हिला कर रख दिया। इन झटकों की वजह से अकेले तुर्की और सीरिया में अब तक 4,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है उनके शव निकाल लिए गए हैं। पिछले 24 घंटे से राहत और बचाव का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। । इस विनाशकारी भूकंप से करीब 35,000 लोगों की मरने की आशंका जताई जा रही है। भारत ने तुर्की को मानवीय और चिकित्सा सहायता भेजी है। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
भारत ने तुर्की की मदद के लिए भेजी NDRF की टीम
वहीं भीषण ठंड और बर्फबारी के कारण राहत और बचाव कार्य में बाधा आ रही है। तुर्की में 2,316 से अधिक और सीरिया में 1,999 लोग मारे गए हैं। भूकंप (Turkey Earthquake) से हजारों इमारतें नष्ट हो गई हैं। साल 1939 में तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस भयानक प्राकृतिक आपदा के बाद तुर्की में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया गया है। सीरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है।
aerial images from #Turkey post the massive #Earthquake today
Just heartbreaking pic.twitter.com/WQBbwnLBF8
— Abier (@abierkhatib) February 6, 2023
इस बीच भारत ने तुर्की की मदद के लिए NDRF की टीम भेजी है। टीम गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से रवाना हुई। टीम में स्वान के अलावा NDRF के डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार समेत 47 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। भारत ने पैरामेडिकल स्टाफ और मेडिकल उपकरण भी भेजे हैं।
सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
बता दें कि तुर्की इस में आए इस विनाशकारी भूकंप के बाद राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन द्वारा सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान देश भर में और अन्य देशों में तुर्की के दूतावासों में तुर्की के झंडे आधे झुके रहेंगे। दरअसल पहला भूकंप तुर्की के गाजियांटेप प्रांत के पास नूर्दगी में आया, जो सीरिया की सीमा पर है। दूसरा भूकंप अकिनोज़ाहू में आया, जो कहारनमारस के पास है और तीसरा भूकंप का झटक गोकसन में आया, जो उसी प्रांत में पड़ता है। तुर्की और सीरिया में मंगलवार को आए भूकंप के बाद झटकों का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटों में यहां कई झटके महसूस किए गए हैं, जिसके बाद लोगों में दहशत का माहौल है।
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