भोपालः मध्य प्रदेश की राऊ विधानसभा सीट से विधायक मधु वर्मा अचानक बेहोश हो गए। इस दौरान उनकी निजी सुरक्षा में लगे कांस्टेबल अरुण सिंह भदौरिया ने उन्हें (हृत्फुफ्फुसीय पुनर्जीवन) CPR देकर उनकी जान बचाई। ये बात जब मुख्यमंत्री मोहन यादव को पता चली तो उन्होंने एसएएफ कांस्टेबल को डबल इनाम देने का ऐलान किया है।
महज 7 मिनट में पहुंचाया अस्पताल
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में इंदौर में राऊ से भाजपा विधायक मधु वर्मा को हार्ट अटैक आया था। गनीमत रही कि उनकी सुरक्षा में तैनात एसएएफ कांस्टेबल ने समय पर सीपीआर देकर उनकी जान बचा ली। इतना ही नहीं कांस्टेबल ने विधायक के पीए के साथ गलत साइड में गाड़ी चलाते हुए भी उन्हें महज 7 मिनट में अस्पताल पहुंचाया और भर्ती कराया। कांस्टेबल की इस कुशलता और तत्परता की वजह से विधायक आज सुरक्षित हैं।
शनिवार का दिन कांस्टेबल के लिए खास रहा। विधायक से मिलने अस्पताल पहुंचे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को जब कांस्टेबल के बारे में पता चला तो उन्होंने उसे 50 हजार रुपए नकद और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की।
अचानक बैठे-बैठ बेहोश गए थे एमएलए
गौरतलब है कि 24 सितंबर की सुबह राऊ विधायक मधु वर्मा रोजाना की तरह अपने इंद्रपुरी कॉलोनी स्थित घर पर कार्यकर्ताओं और जनता से बात कर रहे थे और अधिकारियों को उनकी समस्याओं के समाधान के निर्देश दे रहे थे। इसी दौरान करीब साढ़े नौ बजे अचानक उनके सीने में दर्द उठा और वे कुर्सी पर बैठे-बैठे बेहोश हो गए। उनकी जीभ भी बाहर आ गई। इस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के कांस्टेबल अरुण सिंह भदौरिया और गार्ड महेश को पूरा मामला समझ में आ गया। कांस्टेबल ने तुरंत विधायक के पीए भानु हार्डिया को गाड़ी बाहर निकालने को कहा। इस बीच अरुण भदौरिया ने बिना समय गंवाए तुरंत भाजपा विधायक को सीपीआर देना शुरू कर दिया। जिसे उनकी जान बच सकी।
विधायक ने एसएएफ कांस्टेबल को दिया धन्यवाद
समय पर सीपीआर और उचित इलाज मिलने से विधायक की जान बच गई। अस्पताल में जब विधायक को होश आया और उन्हें पता चला कि उन्हें सुरक्षाकर्मी अरुण भदौरिया ने बचाया है तो वर्मा ने तहे दिल से उनका शुक्रिया अदा किया।
खास बात यह है कि शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव विधायक मधु वर्मा से मिलने और उनका हालचाल जानने जुपिटर अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान जब उन्हें पता चला कि समय पर सीपीआर देकर विधायक की जान बचाने वाले कांस्टेबल अरुण सिंह भदौरिया उनके पास ही खड़े हैं। उन्होंने भदौरिया की पीठ थपथपाई और उनकी तारीफ की और 50 हजार रुपये का नकद इनाम और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की।
यह भी पढ़ेंः-Kolkata doctor rape-murder case: आंदोलन कर रहे लोगों को धमका रही पुलिस !
प्रशिक्षण में मिली सीख काम आई
एसएएफ कांस्टेबल अरुण सिंह चौहान ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सीपीआर की ट्रेनिंग हमें दी जाती है। विधायक मधु वर्मा जब अचानक बेहोश हो गए तो तब मैंने तुरंत मामला भांप लिया और झटपट सीपीआर दिया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। मैं जनवरी 2024 से विधायक की सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हूं। मैं वर्ष 2002 से विभाग में सेवाएं दे रहा हूं। चौहान ने बताया कि शुरुआत में वे पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सुरक्षा ड्यूटी पर भी तैनात थे। वे करीब 17 साल से खंडवा विधायक नंद कुमार चौहान के सुरक्षा गार्ड हैं। उनके निधन के बाद वे एक साल से उनके बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान के सुरक्षा गार्ड हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)