आइजोल: असम-मिजोरम सीमा संघर्ष के चलते मिजोरम राज्य बुरी तरह प्रभावित है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आर लालथंगलियाना ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि असम सरकार के प्रभाव के कारण जारी नाकेबंदी के चलते मिजोरम गंभीर संकट में है। उन्होंने कहा कि नाकेबंदी के कारण गंभीर रूप से बीमार रोगियों और कोरोना से पीड़ित लोगों के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता प्रभावित हुई है।
इसके कारण मिजोरम में प्रवेश करने वाले सभी सामानों की आपूर्ति पूरी तरह से रुक गयी, जिसमें बुनियादी दवाएं, जीवन रक्षक दवाएं और कोरोना की दवाएं शामिल हैं। यहां तक कि ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन प्लांट सामग्री और कोरोना परीक्षण किट भी नहीं पहुंच रही हैं।
उन्होंने दावा किया कि असम सरकार के आक्रामक रुख ने भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त जीवन के मूल मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया है, जिसमें बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल और दवाओं का अधिकार शामिल है। उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार ने इस संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है।
मंत्री ने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि हम लगभग एक सप्ताह से इस मुद्दे से निपट रहे हैं, इस मोर्चे पर केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। देश के सच्चे नागरिकों के रूप में हमें इस महत्वपूर्ण मोड़ पर केंद्र से सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक प्रतिक्रिया और हस्तक्षेप की अपेक्षा है। लालथंगलियाना ने कहा कि मिजोरम के किसी भी नागरिक को दवाओं की अनुपलब्धता के कारण अपनी जान नहीं गंवानी चाहिए जो कि मानव निर्मित है जैसा कि आज असम सरकार द्वारा किया जा रहा है।
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में किसी भी स्वास्थ्य संकट को रोकने के लिए जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि बीती 26 जुलाई को सीमा विवाद के बाद असम सरकार ने 29 जुलाई को गुवाहाटी में असम के सभी ट्रांसपोर्टरों को सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मिजोरम में जाने से बचने को कहा था।