
लखनऊः परिवहन विभाग के संभागों में जहां खाली पदों पर अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, तो वहीं अब प्रमोशन न होने से उच्च पदों पर भी अफसरों का टोटा हो गया है। आलम यह है कि परिवहन विभाग मुख्यालय पर अपर परिवहन आयुक्त के पांच पदों में से तीन पद खाली हो गए हैं, बावजूद इसके शासन स्तर पर बीते दो वर्षों से प्रमोशन के लिए डीपीसी लंबित है। डीपीसी हो तो निचले लेबल के अफसरों के प्रमोशन के जरिए उच्च पदों को भरा जा सके।
गौरतलब है कि परिवहन विभाग मुख्यालय पर अपर परिवहन आयुक्त के पांच पद स्वीकृत हैं। इनमें एडीशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एटीसी) प्रशासन, एटीसी राजस्व, एटीसी प्रवर्तन, एटीसी आईटी व एटीसी सड़क सुरक्षा के पद शामिल हैं। वर्तमान में अपर परिवहन आयुक्त के कुल पांच पदों में से तीन पद खाली हैं, वहीं एटीसी के एक पद का काम साल भर से अधिक समय से अतिरिक्त प्रभार देकर चलाया जा रहा है। ऐसे में समय से डीपीसी होती, तो न तो उच्च पद खाली रहते और न ही इनका काम अतिरिक्त प्रभार देकर चलाया जाता। यही नहीं प्रदेश के विभिन्न जोनों में तैनात कुछ उप परिवहन आयुक्त (डीटीसी) भी सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं। ऐसे में शासन को उप परिवहन आयुक्त से अपर परिवहन आयुक्त पद पर प्रमोशन के अलावा आरटीओ से डीटीसी पद पर भी जल्द प्रमोशन करना होगा। नहीं तो इनका भी काम अतिरिक्त प्रभार देकर चलाना पड़ेगा। दो वर्ष पूर्व हुई डीपीसी में उप परिवहन आयुक्त अनिल मिश्रा को अपर परिवहन आयुक्त पद पर प्रमोशन मिला था। हालांकि वह प्रमोशन पाने के एक माह बाद ही सेवानिवृत्त हो गए थे।
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अपर परिवहन आयुक्त के तीन पद हुए खाली –
बीते 31 जुलाई को परिवहन विभाग के दो अफसर सेवानिवृत्त हो गए। इनमें अरविंद कुमार पांडेय विशेष सचिव के पद और डी. के. त्रिपाठी अपर परिवहन आयुक्त राजस्व शामिल हैं। डी. के. त्रिपाठी के पास अपर परिवहन आयुक्त आईटी का अतिरिक्त प्रभार भी था। ऐसे में डीके त्रिपाठी की सेवानिवृत्ति के बाद यह दोनों पद खाली हो गए हैं, वहीं अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण पद का काम भी अतिरिक्त प्रभार देकर चलाया जा रहा है। एटीसी सड़क सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन वी. के. सोनकिया के पास है। ऐसे में अब डी. के. त्रिपाठी के सेवानिवृत्त होने के बाद अपर परिवहन आयुक्त के कुल तीन पद खाली हो गए हैं। डीटीसी से अपर परिवहन आयुक्त पद के लिए डीपीसी हो, तो इन पदों को भरा जा सके।
जनवरी में विशेष सचिव पद के योग्य होंगे सोनकिया –
विभागीय जानकारों के अनुसार, अपर परिवहन आयुक्त के पद पर दो वर्ष तैनाती के बाद उक्त अफसर विशेष सचिव बनने के योग्य हो जाता है। ऐसे में अगले वर्ष जनवरी में अपर परिवहन आयुक्त वी. के. सोनकिया विशेष सचिव पद के योग्य हो जाएंगे। एटीसी सोनकिया के पास वर्तमान में अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन व सड़क सुरक्षा का पदभार है। ऐसे में जनवरी में यह दोनों पद भी खाली हो जाएंगे। इस दौरान अगर डीपीसी नहीं हुई, तो अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन को छोड़कर एटीसी के सभी चारों पद खाली हो जाएंगे। जिसके बाद शासन के पास अतिरिक्त प्रभार ही एक मात्र रास्ता बचेगा।
इस वर्ष दो डीटीसी भी होंगे सेवानिवृत्त –
इसी वर्ष परिवहन विभाग के दो उप परिवहन आयुक्त भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें मुख्यालय पर तैनात उप परिवहन आयुक्त एल. के. मिश्रा अक्टूबर में और आगरा जोन के डीटीसी जयशंकर तिवारी दिसंबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वर्तमान समय में लखनऊ जोन के उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद एटीसी पद पर प्रमोशन पाने वाले सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। इनके बाद वरिष्ठ डीटीसी अफसरों में एलके मिश्रा, जयशंकर तिवारी शामिल हैं। इन दोनों अधिकारियों के इसी वर्ष सेवानिवृत्त होने के चलते इन पदों पर भी शासन को डीपीसी कर जल्द प्रमोशन करना होगा।
एसीआर की मेरिट के आधार पर होता है प्रमोशन –
शासन स्तर पर उच्च पद एसीआर की मेरिट के आधार पर भरे जाते हैं यानी उच्च पदों पर होने वाला प्रमोशन मेरिट के आधार पर किया जाता है। अफसरों की यह मेरिट एसीआर के अंक के आधार पर बनती है। अफसरों की जो एसीआर लिखी जाती है, उसके आधार पर अंक निर्धारित किए गए हैं। एसीआर में सर्वोत्तम उत्कृष्ट अतिउत्तम, उत्तम, संतोषजनक जैसे शब्द लिखे जाते हैं। जिस अफसर की एसीआर में सबसे अधिक अंक होते हैं, उसे ही प्रमोशन मिलता है।
- पंकज पांडेय की रिपोर्ट
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