कांगड़ा जिले में भारी बारिश से निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान, IMD का अलर्ट जारी

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Heavy rain warning in many parts of the country

धर्मशाला: कांगड़ा जिले में पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश से निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। जिले में कई जगहों पर मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। वहीं एक व्यक्ति की मौत हो गई है। भूस्खलन से जिले की 170 सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिनमें से 111 पर यातायात बहाल कर दिया गया है, जबकि 15 सड़कें मंगलवार को खोली जाएंगी। इसके अलावा अन्य सड़क मार्ग भी 16 अगस्त के बाद खुलने की उम्मीद है। जिले की कुल 660 पेयजल योजनाओं में से 287 भारी बारिश के कारण प्रभावित हुईं, जिनमें से 155 बहाल कर दी गई हैं।

वहीं, बिजली बोर्ड की करीब दो हजार लाइनें प्रभावित हुईं, जिनमें 83 लाइनें बहाल हो चुकी हैं, जबकि 703 लाइनें अभी भी लंबित हैं। बताया जा रहा है कि जिले के लंबागांव और बड़ोह क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित विद्युत लाइनों को बहाल करने में समय लग सकता है। जिला प्रशासन ने भी दो स्थानों पर खोज और बचाव अभियान चलाया है, जिसमें ज्वाला जी के आडवानी में एनडीआरएफ की टीम ने 30 लोगों को निकाला है, जबकि अन्य को निकालने का काम जारी है। इसके अलावा मांड इलाके में भी नौ लोगों को बचाया गया है। कांगड़ा जिले में बचाव कार्य के लिए पांच राहत शिविर भी शुरू किए गए हैं, जिनमें धीर के बरवाई और पनापर में राहत शिविर बनाए गए हैं। इसके अलावा, प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए नूरपुर के लड़ोई और जवाली के कोटा में ये शिविर स्थापित किए गए हैं।

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बताया जा रहा है कि इंदौरा के काठगढ़ मंदिर में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है। ब्यास नदी का पानी बढ़ने के कारण इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए यहां एक स्थायी टीम तैनात की गई है। जिले में भारी बारिश के कारण अब तक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और देहरा में कालेश्वर महादेव मंदिर में भी पानी भर गया है। पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाले चक्की पुल के एप्रोच के लिए बनी दीवार भी पानी में बह गई है, जिससे चक्की पुल को खतरा बढ़ गया है। दिवाली क्षेत्र की राजुल पंचायत में करीब चार घर जमींदोज हो गए हैं और 12 अन्य घर खतरे में हैं। उधर, उपायुक्त कांगड़ा डॉ। निपुण जिंदल ने कहा कि जिला प्रशासन की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। भारी बारिश के कारण खासकर ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके साथ लगते गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सोमवार को पौंग बांध से भी पानी छोड़ा गया है।

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