लखनऊ: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने नशीली व प्रतिबंधित दवाईयों के भारत व अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों का डाटा डार्कवेब से प्राप्त कर वर्चुअल मनी (बिटकॉइन) के माध्यम से खरीद-फरोख्त करने वाले गैंग के सरगना शहबाज को उसके 5 साथियों के साथ कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवा, लैपटॉप आदि बरामद करने में एक बड़ी सफलता प्राप्त की।
विगत काफी दिनों से राजधानी लखनऊ व उसके आस पास के जनपदों में चोरी-छिपे प्रतिबंधित व नशीली दवाओं की ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से खरीद-फरोख्त कर ठगी व नशे का व्यापार कर गिरोहों की सूचनाएं लगातार प्राप्त हो रही थीं। एक पुख्ता सूचना के आगधार पर सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह के अधीन टीम व मुखबिर तन्त्र को सक्रिय किया गया तो ज्ञात हुआ कि लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र में एक सक्रिय गैंग द्वारा प्रतिबंधित व नशीली दवाओं की अवैध रूप से ऑनलाइन माध्यम से कॉल सेण्टर चलाते हुए खरीद व बिक्री का धंधा फल फूल रहा है। उक्त सूचना को विकसित करने हेतु निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी। इस टीम द्वारा इनके आने-जाने के स्थानों व ठिकानों की जानकारी आदि एकत्रित की गयी।
औषधि प्रशासन के अधिकारियों की ली गई मदद –
बुधवार, 7 सितम्बर को मुखबिर ने पुख्ता सूचना दी गयी कि उक्त गैंग का मुखिया शहबाज अपने साथियों के साथ आलमबाग स्थित किराये के कमरे पर मौजूद है और कुछ दवाइयों के सैम्पल लेकर उन्हंे खरीदने व बेचने के सम्बन्ध में अपने साथियों के साथ कॉल सेण्टर का काम कर रहा है। उक्त सूचना पर एसटीएफ की टीम आलमबाग चैराहे पर पहुंची और एसटीएफ टीम द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त (औषधि) लखनऊ मण्डल बृजेश कुमार को सूचित किया, जिसके कुछ देर बाद सहायक आयुक्त बृजेश कुमार अपनी टीम औषधि निरीक्षक श्रीमती माधुरी सिंह, औषधि निरीक्षक नीलेश कुमार शर्मा के साथ आलमबाग चैराहे पर उपस्थित आये एवं संयुक्त पुलिस टीम द्वारा बुधवार की सुबह छह बजे किराये के घर 61/1 चन्दर नगर, आलमबाग, लखनऊ में मुखबिर की निशानदेही पर दबिश देकर बिजनौर का निवासी शहबाज खान, गोसाइगंज का निवासी आरिज एजाज (वर्तमान पता बाजार खाला), आलमबाग निवास गौतम लामा, गोसाईगंज निवासी शारिब एजाज, बिजनौर निवासी जावेद खान, ऐषबाग निवासी सऊद अली को गिरफ्तार कऱ लिया। सभी आरोपी राजधानी लखनऊ के निवासी हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से कुल 136 स्ट्रिप प्रतिबंधित दवाई, लैपटाॅप, 30 डेबिट व क्रेडिट कार्ड (ऱाष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बैंको के), 17 मोबाइल, 5 आधार कार्ड, तीन कार (बीएमडब्ल्यू-यूपी32जीटी 3366, टाटा सफारी-यूपी32जेबी 3003, फोर्ड एन्डीवर-यूपी32एलक्यू 3003), एक मोटर साइकिल, पांच ड्राइविंग लाइसेंस, 5 पैनकार्ड, 5 वोटरकार्ड, 5110 रूपये कैष बरामद किया गया।
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विदेशों तक करते थे नशीली दवाओं की पूर्ति –
शहबाज खान उपरोक्त से विस्तृत पूछताछ पर बताया कि वह लोगों को प्रतिबंधित दवा बेचने का एक अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह चलाता है। शाहबाज के अनुसार धंधे में कस्टमर का डाटा वह डार्क वेब के माध्यम से प्राप्त करता था। उसके बाद व्हाट्सअप के माध्यम से बात करके उनकी डिमांड का पता किया जाता था और फिर आर्डर मिलने पर उनकी डिमाण्ड के हिसाब से दवाई को मंगवाकर उनके द्वारा उपलब्ध कराये गए पते पर भेज दी जाती थी।
बिटकाइन और पे-पाल से होता था पैसों का लेनदेन –
पुलिस की कड़ी पूछताछ के बाद शाहबाज ने बताया कि दवा का पैसा बिटकॉइन या पे-पाल के माध्यम से पैसा प्राप्त होने पर कस्टमर को दवा कोरियर कर देता था। शाहबाज ने बताया कि वह लोग नशीली व प्रतिबंधित दवाओं को चोरी से ऑनलाइन माध्यम से भारत सहित विष्व के कई देशों में बेचते हैं। इसमें इन्हें प्रति आर्डर अच्छा खासा मुनाफा होता था। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध के थाना आलमबाग, कमिश्नरेट लखनऊ में एनडीपीएस एक्ट का अभियोग पंजीकृत कराया गया।
- पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट
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