Ambedkar Death Anniversary 2023: नई दिल्ली: भारत का संविधान लिखने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज पुण्य तिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को डॉ. भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कई अन्य सांसदों ने संसद परिसर में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, बाबा साहब भारतीय संविधान के निर्माता के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर समर्थक थे, जिन्होंने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि।
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खड़गे ने एक्स पर लिखा, हम पहले और आखिरी में भारतीय हैं- बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर। बाबासाहेब आजीवन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के समर्थक थे। खड़गे ने कहा, उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर हम सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक न्याय के उनके विचारों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं। हमें सामूहिक रूप से राष्ट्र-भारत के संविधान में उनके सर्वोत्तम योगदान को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए।
डॉ अंबेडकर समाज से भेदभाव को ख़त्म करना चाहते
आपको बता दें कि दलित पृष्ठभूमि से आने वाले डॉ भीम अंबेडकर भारतीय राजनीति में अहम मुकाम हासिल करने में सफल रहे। वह एक महान अर्थशास्त्री, न्यायविद्, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ नेता थे। उन्होंने दलित जाति के लिए बहुत काम किया। वह समाज से भेदभाव को ख़त्म करना चाहते थे।
उन्होंने वंचितों के अधिकारों की वकालत की। हालांकि 1956 में उनकी मृत्यु के बाद से उनके विचारों की सराहना का विस्तार हुआ है। अंबेडकर ने मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
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