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मुंह पर मास्क न दो गज दूरी, ओमिक्रॉन के खतरे के बीच बेपरवाह दिखे लखनऊ के लोग

निशातगंज

लखनऊः कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पूरी दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। भारत के केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी अब इससे अछूता नहीं रह गया है। बीते कुछ दिनों से राजधानी लखनऊ में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ऐसे में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा भी बढ़ गया है, लेकिन लोगों को इससे जरा भी डर नहीं है। हालात फिर खतरे की ओर जा रहे हैं। लोग कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं। लोगों के मुंह पर न मास्क दिख रहा है, न ही दो गज दूरी का पालन किया जा रहा है। इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।

सोमवार को इसकी पड़ताल करने के लिए इंडिया पब्लिक खबर की टीम ने लखनऊ के अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। सबसे पहले बात करते हैं लखनऊ के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन चारबाग की जहां साफ नजर आया कि 90 फीसदी लोगों के मुंह पर न मास्क था और न ही उनके द्वारा उचित दूरी का पालन किया जा रहा था। इसके बाद लालबाग मार्केट का भी यही हाल दिखाई पड़ा लालबाग मार्केट भी सबसे व्यस्त बाजारों में से एक मानी जाता है। इसी क्रम में सहारागंज मॉल, लखनऊ बार एसोसिएशन, कैसरबाग बस स्टेशन और कैसरबाग चौराहे का यही हाल दिखाई पड़ा। जहां साफ देखा जा सकता है कि किसी को भी कोरोना वायरस का कोई डर नहीं है। सरकार द्वारा जारी किसी भी गाइडलाइन का ढंग पालन नहीं हो रहा है।

चारबाग रेलवे स्टेशन

विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों की लापरवाही से मामला बिगड़ सकता है। अगर लोग सचेत नहीं हुए तो पहली और दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर आने से कोई नहीं रोक सकता। लोग अब विदेश से लेकर दूसरे प्रदेशों तक बेखौफ होकर आवाजाही कर रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

लालबाग मार्केट

डॉक्टर्स का कहना है कि ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, चीन, मॉरीशस, ब्राजील जैसे देशों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तबाही मचा रहा है। ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन बेहद जरूरी हो गया है। कोई भी लापरवाही भारी पड़ सकती है।  

सहारागंज मॉल

पुराने पैटर्न पर फैल रहा है दुनिया में संक्रमण
उल्लेखनीय है कि पहली और दूसरी लहर में चीन के बाद यूरोप और अमेरिका से संक्रमण का फैलाव पूरे विश्व भर में हुआ था। इस बीच भारत में पहला केस केरल  में मिला। इसके बाद संक्रमण मुंबई तक पहुंचा था। धीरे-धीरे अन्य राज्यों में फैलता चला गया। इस बार भी उसी पैटर्न पर संक्रमण विश्व भर में फैल रहा है। पहले यूरोप के ठंडे देशों में संक्रमण का फैलाव हुआ। अब गरम देशों में साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, सिंगापुर जैसे देशों में संक्रमण बढ़ने लगा है।

कैसरबाग बस स्टेशन

बता दें कि भारत के केरल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ाने लगा है, महामारी की दूसरी लहर में भी सबसे पहले मरीज यहीं से मिलने शुरू हुए थे।

लखनऊ बार एसोसिएशन

इस समय भी बिल्कुल वैसा ही पैटर्न चल रहा है, पहली लहर खत्म होने के बाद लोग बहुत लापरवाह हो गए थे, जब डेल्टा वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी तब भी लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और मनमानी करते रहे। शायद यही कारण रहा कि कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा भयावाह रही और हजारों लोगों की जान चली गई।

कैसरबाग बस स्टेशन

इस समय भी कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कहा ये भी जा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंटा डेल्टा प्लस से कई गुना ज्यादा संक्रामक है। सबकुछ जानते हुए भी लोग इसके प्रति बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, यदि ऐसा ही रहा तो तीसरी लहर बहुत ज्यादा तबाही मचा सकती है।

कैसरबाग चौराहा

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